
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ किसानों का दिल्ली के विभिन्न बार्डर्स पर धरना-प्रदर्शन जारी है। स्वतंत्रता दिवस (Independence day) को इस बार किसान कुछ अलग तरीके से मनाएंगे। 15 अगस्त को किसानों ने ‘किसान-मजदूर आजादी संग्राम दिवस’ (Kisan Majdoor Azadi Sangram Diwas) मनाने फैसला किया है। किसान पूरे देशभर में मार्च निकाल कर तीन कृषि काले कानूनों का विरोध करेंगे।
निकलेगी तिरंगा रैलियां, हर तहसील में मार्च
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान के बाद देशभर के किसान प्रखंड और तहसील स्तर पर इस दिन ‘तिरंगा रैलियां‘ निकालेंगे। हालांकि, किसानों ने यह भी ऐलान किया है कि वे दिल्ली में नहीं घुसेंगे।
किसान संगठनों ने किया आह्वान
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) की कविता कुरुगंती ने बताया सभी किसान संगठन इस तिरंगा यात्रा में शामिल होंगे। इस दिन किसान और मजदूर तिरंगा मार्च में ट्रैक्टर, मोटर साइकिल, साइकिल और बैलगाड़ी आदि लेकर निकलेंगे और ब्लॉक, तहसील, जिला मुख्यालयों की ओर कूच करेंगे। वे पास के धरना स्थलों पर भी जा सकते हैं। इस दौरान वाहनों पर तिरंगे लगे होंगे।
सुबह 11 बजे से एक बजे तक निकलेगी यात्रा
किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा कि देशभर में सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक रैलियां निकाली जाएंगी। दिल्ली में भी सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर तिरंगा मार्च निकाले जाएंगे और पूरे दिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
मुख्य मंच से आठ किलोमीटर दूर तिरंगा यात्रा
किसान नेता जगमोहन सिंह ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन स्थल स्थित मुख्य मंच से लेकर करीब आठ किलोमीटर दूर केएमपी एक्सप्रेस तक मार्च निकालेंगे। किसानों ने जोर देते हुए कहा कि 15 अगस्त को निकलने वाली तिरंगा रैली शांतिपूर्ण होंगी और दिल्ली से दूरी रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी के घटनाक्रम ने हमारे आंदोलन को बदनाम किया था, इसलिए 15 अगस्त को तिरंगा मार्च दिल्ली में नहीं आएंगे, लेकिन हमारा आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती।