आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा खतरा, इसके खिलाफ वैश्विक कार्रवाई में भारत सबसे आगे: एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इशारों इशारों में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मानवाधिकार के मामलों से निपटने वाली संस्थाओं को यह पता होना चाहिए कि आतंकवाद को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता। ना ही इसके प्रायोजकों की तुलना पीड़ितों से की जा सकती है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2021 1:07 PM IST

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इशारों इशारों में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मानवाधिकार के मामलों से निपटने वाली संस्थाओं को यह पता होना चाहिए कि आतंकवाद को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता। ना ही इसके प्रायोजकों की तुलना पीड़ितों से की जा सकती है। 

एस जयशंकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिनेवा में हो रहे मानवाधिकार परिषद के 46 वें सत्र के उच्चस्तरीय खंड को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, आतंकवाद मानवता के खिलाफ अपराध है और यह जीवन के अधिकार के सबसे मौलिक मानवाधिकार का उल्लंघन करता है।

भारत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में सबसे आगे- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने कहा, आतंकवाद मानव जाति के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। और भारत लंबे वक्त से इसका पीड़ित होने की वजह से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई में भारत सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में 8 पॉइंट में कार्ययोजना पेश की थी। 

एस जयशंकर ने कहा, आतंक के खिलाफ हम अपनी कार्रवाई सुनिश्चित रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य देशों के साथ काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, मानवाधिकार के सामने निरंतर सभी तरह का आतंकवाद चुनौती बना हुआ है। 

आंतरिक मामलों में ना हो दखल 
विदेश मंत्री ने इस दौरान दूसरे देशों को भारत के आंतरिक मामलों में दखल ना देने का सख्त संदेश दिया। एस जयशंकर ने कहा, देश के आंतरिक मामलों और राष्ट्रीय संप्रभुता में दखल नहीं देने के सिद्धांत का भी पालन होना चाहिए। 

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