भारत-आसियान डिजिटल मंत्रियों की बैठक में साइबर क्राइम रोकने व इंटरनेट को अधिक उपयोगी बनाने की रणनीति बनी

Published : Jan 29, 2022, 12:47 PM ISTUpdated : Jan 29, 2022, 12:52 PM IST
भारत-आसियान डिजिटल मंत्रियों की बैठक में साइबर क्राइम रोकने व इंटरनेट को अधिक उपयोगी बनाने की रणनीति बनी

सार

भारत के साथ आसियान डिजिटल मंत्रियों (ADGMIN) की दूसरी बैठक 28 जनवरी को वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। संचार राज्यमंत्री देवूसिंह चौहान और म्यामांर के यातायात एवं संचार मंत्री  एडमिरल तिन आंग सान ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। बैठक में साइबर क्राइम रोकने से लेकर इंटरनेट को और अधिक उपयोग बनाने की प्लानिंग को मंजूरी दी गई।  

नई दिल्ली. भारत के साथ आसियान डिजिटल मंत्रियों (ADGMIN) की दूसरी बैठक 28 जनवरी को वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। संचार राज्यमंत्री देवूसिंह चौहान और म्यामांर के यातायात एवं संचार मंत्री  एडमिरल तिन आंग सान ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। बैठक में साइबर क्राइम रोकने से लेकर इंटरनेट को और अधिक उपयोग बनाने की प्लानिंग को मंजूरी दी गई।

पहले यह जानें
ADGMIN,आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस) के 10 देशों–ब्रूनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपीन्स, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के संचार मंत्रियों की वार्षिक बैठक का मंच है। बैठक में संवाद साझीदार देश–ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड, रूस, यूके और अमेरिका भी हिस्सा लेते हैं। बैठक में डिजिटल समावेश और एकीकरण की भावना को मद्देनजर रखते हुये क्षेत्रीय डिजिटल सहयोग को मजबूत बनाने सम्बंधी विविध प्रासंगिक विषयों पर चर्चा तथा विचार-विमर्श किया गया।

भारत ने रखी ये बात
डिजिटल मंत्रियों की उपस्थिति में देवूसिंह चौहान ने जोर दिया कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकियां(information and communication technologies) नागरिक और सरकार के बीच उन्नत आदान-प्रदान के जरिये लोकतांत्रिक प्रणालियों तथा संस्थानों को मजबूत तथा सक्षम बनाती हैं। उन्होंने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदारी करने के लिये नागरिकों को अवसर देने के साथ-साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सूचना के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहन मिलता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बदलने के लिये इसकी अपार क्षमता है।

टेक्नोलॉजी पावरफुल सिस्टम
देवूसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस परिकल्पना का उल्लेख किया, जिसके तहत राष्ट्र के विकास के लिये विभिन्न प्रौद्योगिकीय समाधानों का उपयोग किया जा सकता है। अपने सम्बोधन में चौहान ने कहा कि कोविड-19 न केवल जन स्वास्थ्य प्रणाली के लिये चुनौती है, बल्कि वह कई देशों के आर्थिक और सामाजिक संरचना को भी झकझोर रहा है। इस परिदृश्य में, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियां एक ताकतवर उपकरण के तौर पर सामने आई हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर महामारी के प्रभाव को कम करने में सक्षम हैं तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये बुनियाद का काम कर सकती हैं।

इन प्लानिंग को मिली मंजूरी
डिजिटल मंत्रियों की बैठक में भारत-आसियान डिजिटल कार्य-योजना 2022 को मंजूरी दे दी गई। कार्य-योजना में चोरी हुये और नकली मोबाइल हैंडसेटों के इस्तेमाल से निपटना, देशव्यापी सार्वजनिक इंटरनेट के लिये वाई-फाई नेटवर्क इंटरफेस प्रणाली बनाना, क्षमता निर्माण और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में उभरने वाले पक्षों के बारे में जानकारी साझा करना, जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 5जी, उन्नत उपग्रह संचार, साइबर फोरेंसिक, आदि सम्बंधी प्रणालियां शामिल हैं। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों में चालू और प्रस्तावित परियोजनाएं भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग को मजबूत बनाएंगी।

यह भी पढ़ें
Pegasus Scandal : न्यूयॉर्क टाइम्स के दावे के बाद राहुल गांधी हुए आक्रामक, tweet करके कहा-ये देशद्रोह है
खालिस्तानियों की करतूत: 26 जनवरी को USA में गांधी की प्रतिमा का किया अनादर, भारत ने उठाई सख्त एक्शन की मांग
एक दशक के इंतजार के बाद जम्मू एयरपोर्ट का 8000 फीट लंबा रनवे चालू, IAF ने दी वाटर कैनन से सलामी

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

हुमायूं कबीर कौन, जिन्होंने बाबरी मस्जिद के लिए इकट्ठा किया करोड़ों का चंदा
Indigo Crisis Day 7: इंडिगो ने दिया ₹827 करोड़ का रिफंड, यात्रियों को लौटाए 4500 बैग