गलवान घाटी में हालात को सुधारने की लगातार कोशिश की जा रही है। भारतीय सैन्य अधिकारी चीन के साथ पहले जैसी स्थिति बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। पिछले एक महीने में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सोमवार को भी कोर कमांडर के स्तर पर बैठक हुई, जो बताया जा रहा है कि करीब 11 घंटे तक चली है।
नई दिल्ली. गलवान घाटी में हालात को सुधारने की लगातार कोशिश की जा रही है। भारतीय सैन्य अधिकारी चीन के साथ पहले जैसी स्थिति बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। पिछले एक महीने में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सोमवार को भी कोर कमांडर के स्तर पर बैठक हुई, जो बताया जा रहा है कि करीब 11 घंटे तक चली है। कहा जा रहा है कि बातचीत का ये सिलसिला मंगलवार को भी जारी रह सकता है। वहीं, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे मंगलवार को लेह का दौरा करेंगे। सेना प्रमुख 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे।
LAC पर तनाव कम करने को लेकर हो रही बातचीत
भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों की ये बैठक गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद बढ़े तनाव को कम करने को लेकर हो रही है। इससे पहले सोमवार को जब चीन के नियंत्रण वाले हिस्से मोल्डो में बैठक हुई तो भारत ने चीन से साफ शब्दों में कह दिया कि वो 5 मई से पहले जिस जगह पर था, उस जगह पर वापस लौटे। भारतीय दल की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे थे। चीन की तरफ से शिनजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल लिउ लिन बातचीत के लिए थे।
भारत की चीन की दो टूक
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सोमवार को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के दौरान भारत ने चीन से एलएसी से सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा मांगी। गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच यह बड़ी बातचीत हुई। इसका मकसद एलएसी पर पहले वाली स्थिति को बनाए रखना है।
हिंसक झड़प में शहीद हुए थे 20 भारतीय जवान
दोनों देशों में तनाव 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद काफी बढ़ गया। गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारत और चीन के सैनिकों में खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन ने आंकड़े भी नहीं जारी किए। हालांकि, झड़प में चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है।
लेह दौरे पर जाएंगे आर्मी चीफ जनरल नरवणे
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे मंगलवार को लेह का दौरा करेंगे। सेना प्रमुख 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे। इसके साथ ही भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की बातचीत की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। जनरल नरवणे चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा के पास सुरक्षा बलों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।