भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन 100 बिलियन डॉलर पार, सोशल मीडिया पर मचा बवाल

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करके किए गए लेनदेन का मूल्य अक्टूबर में पहली बार एक महीने में 100 अरब डॉलर को पार कर गया। 

नई दिल्ली। भारत का डिजिटल इंडिया मूवमेंट (Digital India) अपनी मुकाम तक पहुंच रहा है। देश में, बीते अक्टूबर 2021 तक, डिजिटल ट्रांजेक्शन (digital transaction) 100 बिलियन डॉलर (100 billion dollar) को पार कर गया। डिजिटल ट्रांजेक्शन (digital transaction) में इस उपलब्धि पर सरकार की आलोचना करने वालों को टैग कर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर चिदंबरम से पूछा जा रहा सवाल

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भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन के 100 बिलियन डॉलर पार करने पर  ट्विटर के यूजर अखिलेश मिश्र (Akhilesh Mishra) ने सवाल किए हैं कि भारत के डिजिटल पेमेंट एम्बीशन पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम (P. Chidambaram) अब क्या कहेंगे। कांग्रेस के दूसरे दिग्गज जो सवाल उठाते थे कहां हैं? 

ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के सीईओ अखिलेश मिश्र ने कहा कि एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने सवाल किया था कि भारत में डिजिटल कैसे काम करेगा? अब उनको देख लेना चाहिए। 

उन्होंने शशि थरुर (Shashi Tharoor) पर भी हमला बोला है। साथ ही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस (congress) पर भी डिजिटल पेमेंट को लेकर उठाए गए सवालों पर जवाब दिया है। 

उन्होंने कहा कि 2011 में चीन चार गुना अधिक डिजिटल ट्रांजैक्शन करता था लेकिन 2018 में हमने उसे पीछे छोड़ दिया। 2020 में चीन से हम डेढ़ गुना बढ़त बना लिए तो 2021 में चीन से दोगुना हो गए। उन्होंने कहा कि अगर पी.चिदंबरम पॉलिसी बनाते तो इस देश का क्या होता आप सोचिए। 

भारत का ट्रांजैक्शन 100 बिलियन डॉलर पार

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करके किए गए लेनदेन का मूल्य अक्टूबर में पहली बार एक महीने में 100 अरब डॉलर को पार कर गया। महीने में 7.71 लाख करोड़ रुपये (लगभग 103 अरब डॉलर) के 4.2 अरब यूपीआई लेनदेन हुए। यह पांच साल पुराने भुगतान चैनल के उच्चतम स्तर को चिह्नित करता है।

सितंबर में, UPI ने 6.5 लाख करोड़ रुपये के 3.6 बिलियन लेनदेन दर्ज किए थे। इसका मतलब है कि अक्टूबर में लेनदेन की संख्या 15% बढ़ी और लेनदेन का मूल्य 18.5 फीसदी बढ़ा। यूपीआई लेनदेन की संख्या और मूल्य पिछले साल इस समय से दोगुने से अधिक हो गए हैं।

त्योहारी सीजन की बिक्री के बीच ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती मांग के कारण अक्टूबर में तेजी आई है। दूसरी लहर की गिरावट के बाद से अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे फिर से खुलने से भी इस वृद्धि को सहायता मिली।

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