केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा है कि भारत द्वारा अंतरिक्ष में पहली बार इंसान 2024 की चौथी तिमाही में भेजा जाएगा। अंतरिक्ष यात्री की पहचान हो गई है। उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।
नई दिल्ली। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की गिनती दुनिया के अग्रिम देशों में होती है। भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organisation) दुनिया की प्रमुख एजेंसियों में से एक है। इसरो द्वारा भारत के साथ ही दूसरे देशों के उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे जाते हैं। हालांकि अभी तक भारत ने अंतरिक्ष को इंसान नहीं भेजा है।
इसरो अंतरिक्ष में इंसान भेजने के मिशन पर तेजी से काम कर रहा है। इसके लिए तैयार किए गए अंतरिक्ष यान "गगनयान" नाम दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि भारत 2024 की चौथी तिमाही में गगनयान लॉन्च करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान "गगनयान" को 2024 की चौथी तिमाही में लॉन्च करने का लक्ष्य है। अंतरिक्ष यात्री की पहचान की गई है। वह बेंगलुरु में ट्रेनिंग ले रहे हैं। अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन का 'H1' नाम दिया गया है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष यान के चालक दल की सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। क्रू एस्केप सिस्टम और पैराशूट के प्रदर्शन की जांच के लिए 'जी1' मिशन से पहले दो टेस्ट उड़ान किए जाने की योजना बनाई गई है।
इंसान से पहले भेजा जाएगा ह्यूमनॉइड
मंत्री ने बताया कि 2024 की चौथी तिमाही में लॉन्च होने वाले H1 मिशन से पहले 2023 की अंतिम तिमाही में मानव रहित 'G1' मिशन को लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद 2024 की दूसरी तिमाही में दूसरा मानवरहित 'G2' मिशन शुरू किया जाएगा। 'जी1' मिशन का उद्देश्य मानव रेटेड लॉन्च व्हीकल, ऑर्बिटल मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम, मिशन मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन सिस्टम और रिकवरी ऑपरेशंस के प्रदर्शन की जांच करना है। इसमें पेलोड के रूप में एक ह्यूमनॉइड भेजा जाएगा।