बीजेपी ने विपक्षी दलों पर हमले के लिए गोलपोस्ट बदला: अब INDIA का नाम लेकर नहीं UPA कहकर सत्ताधारी दल बोलेगा हमला !

Published : Jul 31, 2023, 10:02 PM ISTUpdated : Jul 31, 2023, 10:04 PM IST
upa vs nda

सार

INDIA नाम पर विपक्षी दलों को घेरने में विफल साबित हो रही बीजेपी ने अब फैसला किया है कि वह उसके पुराने नाम से ही संबोधित कर अपना बयान जारी करेंगे या प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।

INDIA or UPA: बीजेपी ने विपक्षी दलों के नए गठबंधन INDIA के नाम को आलोचना नहीं करने की रणनीति अपनाई है। सत्ताधारी दल ने विपक्षी गठबंधन के नए नाम INDIA की बजाय यूपीए का नाम लेकर हमला बोलना शुरू कर दिया है। दरअसल, विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम INDIA रखकर लोकसभा चुनाव 2024 के पहले मास्टरस्ट्रोक खेला था। इसका असर यह था कि सत्ताधारी दल, विपक्षी दलों पर हमला तो बोल रहा था लेकिन इसके लिए काफी सोच-समझकर शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ रहा था।

INDIA का नाम लेने के बजाय यूपीए कहकर ही हमला बोलेगी बीजेपी

INDIA नाम पर विपक्षी दलों को घेरने में विफल साबित हो रही बीजेपी ने अब फैसला किया है कि वह उसके पुराने नाम से ही संबोधित कर अपना बयान जारी करेंगे या प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने फैसला किया है कि विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस को घेरने या उस पर आरोप लगाने के लिए वह यूपीए नाम का ही प्रयोग करेंगे बजाय INDIA।

प्रेस कांफ्रेस में निर्मला सीतारमण ने किया यूपीए नाम लेकर किया संबोधित

मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कांफ्रेंस की है। प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर के बारे में बात करते हुए विपक्षी गुट को यूपीए कहकर संबोधित किया। INDIA के बजाय यूपीए का नाम लेना उनका रणनीतिक रूप से गोलपोस्ट बदलने की रणनीति का ही हिस्सा था।

26 विपक्षी दलों ने गठबंधन का नाम इंडिया रखा

दरअसल, बीते 18 जुलाई को बेंगलुरू में 26 विपक्षी दलों की एक मीटिंग हुई। लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल को पटना में अंजाम दिया गया। जबकि दूसरी मीटिंग बेंगलुरू में हुई जहां गठबंधन का नाम दिया गया। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी INDIA का नाम दिया गया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने अपने फैसले के बारे में विस्तार से बताया कि लड़ाई सिर्फ एनडीए और विपक्षी दलों के बीच नहीं है बल्कि यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और एसेंस ऑफ इंडिया के बीच है। यह भाजपा की विचारधारा और राष्ट्र के मूल मूल्यों के बीच टकराव का भी प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी भारत के विचार के खिलाफ खड़ा होगा उसे अंततः हार का सामना करना पड़ेगा।

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