जल्द ही भारत को कोरोना वायरस मिलने की उम्मीद है। सरकार ने वैक्सीन तैयार होने के बाद आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इसकी व्यवस्था भी कर ली गई है। इस मामले से जुड़े एक्सपर्ट ने बताया, भारत ने अगले 6-8 महीने में करीब 60 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए चुनावी व्यवस्था को तैनात कर दिया है।
नई दिल्ली. जल्द ही भारत को कोरोना वायरस मिलने की उम्मीद है। सरकार ने वैक्सीन तैयार होने के बाद आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इसकी व्यवस्था भी कर ली गई है। इस मामले से जुड़े एक्सपर्ट ने बताया, भारत ने अगले 6-8 महीने में करीब 60 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए चुनावी व्यवस्था को तैनात कर दिया है। हालांकि, सरकार यह साफ कर चुकी है कि पहले चरण में कोरोना वॉरियर्स और हाई रिस्क वालों को टीका लगाया जाएगा। उधर, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने ऐलान किया है कि राज्य में सभी लोगों को फ्री वैक्सीन दी जाएगी।
कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकारों की टीम के हेड वीके पॉल ने बताया, 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तक कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं तैयार कर ली गई हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में उन्होंने बताया, जहां तक मैं देखता हूं, 4 वैक्सीन, सीरम, जायडस, भारत बायोटेक और स्पूतनिक ऐसी हैं, जिन्हें कोल्ड चेन की जरूरत है। उन्होंने कहा, मुझे इन वैक्सीन में कोई परेशानी नजर नहीं आती है।
जल्द इमरजेंसी अप्रूवल मिलने की उम्मीद
भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजैनेका की कोविशील्ड वैक्सीन बना रहा है। इसके अलावा भारत बायोटेक और जायडस कैडिला अपनी वैक्सीन तैयार कर रहा है। वहीं, पिछले महीने हेटेरो ने रूस की वैक्सीन स्पूतनिक बनाने के लिए एक समझौता किया है। वहीं, भारत में फाइजर, बायोटेक, सीरम ने इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है। एक्सपर्ट को जल्द ही अप्रूवल मिलने की उम्मीद है।
सिर्फ फाइजर ऐसी वैक्सीन है, जिसे -70 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करने की जरूरत है। इसकी वजह से भारत में इसका इस्तेमाल सीमित होगा। पॉल ने बताया, सरकार मॉडर्ना के संपर्क में है। खास बात है कि मॉडर्ना को भी काफी ठंडे स्टोरेज की जरूरत होती है।