फ्रांस के साथ 63,000 करोड़ रुपए की डील के लिए तैयार भारत, खरीदे जाएंगे 26 Rafale M लड़ाकू विमान

Published : Apr 07, 2025, 09:41 PM IST
During PM Modi France visit an agreement may be signed on purchase of Rafale M, know what is Marine Rafale fighter jet bsm

सार

भारत फ्रांस से राफेल एम विमान खरीदेगा, जो आईएनएस विक्रांत के लिए जरूरी हैं। यह 63 हजार करोड़ का सौदा है, जिससे नौसेना की ताकत बढ़ेगी। जानिए इस डील की खास बातें!

Rafale M: भारत को अपने दूसरे एयर क्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए लड़ाकू विमानों की जरूरत है। भारतीय नौसेना ने इसके लिए फ्रांस के राफेल एम को चुना है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय इस महीने फ्रांस के साथ राफेल एम की डील तय करने के लिए तैयार है। यह 63 हजार करोड़ रुपए का सौदा होगा।

राफेल एम राफेल का नेवल वर्जन है। वायुसेना पहले से 36 राफेल विमानों का इस्तेमाल कर रही है। सूत्रों के अनुसार राफेल एम के लिए सौदा अपने अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा आगामी सप्ताहों में इसे मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।

फ्रांस से 26 राफेल एम विमान खरीदेगा भारत

भारत फ्रांस से 26 राफेल एम विमान खरीदेगा। इनमें से 22 एक सीट वाले होंगे। वहीं, 4 दो सीट वाले होंगे। मूल रूप से राफेल एक सीट वाला विमान है। इसके दो सीट वाले वर्जन का इस्तेमाल मुख्य रूप से ट्रेनिंग के लिए होता है।

राफेल एम के लिए भारत और फ्रांस के बीच सरकार-से-सरकार के बीच अनुबंध होगा। डील में बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों की ट्रेनिंग और ऑफसेट दायित्वों के तहत स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग कंपोनेंट्स के लिए व्यापक पैकेज भी शामिल होगा। इस सौदे में नौसेना कर्मियों के लिए ट्रेनिंग भी शामिल है।

सौदे पर साइन होने के 4 साल बाद मिलना शुरू होंगे राफेल एम विमान

सौदे पर साइन होने के करीब चार साल बाद राफेल एम विमान मिलना शुरू होंगे। उम्मीद है कि भारतीय नौसेना को राफेल एम का पहला बैच 2029 के आखिर में मिलेगा। पूरा ऑर्डर 2031 तक पूरा होगा।

राफेल एम भारत के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत से ऑपरेट होगा। इस समय इंडियन नेवी के पास MiG-29K लड़ाकू विमान हैं। इन्हें मुख्य रूप से आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया गया है।

राफेल एम को खासतौर पर विमानवाहक पोत से ऑपरेट होने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें मजबूत लैंडिंग गियर, अरेस्टर हुक्स और शॉर्ट टेक-ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (एसटीओबीएआर) संचालन के लिए मजबूत फ्रेम की सुविधा दी गई है। वह विधि है जिसका इस्तेमाल विमानवाहकों से विमान को उतारने और वापस लाने के लिए किया जाता है।

PREV

Recommended Stories

हुमायूं कबीर कौन, जिन्होंने बाबरी मस्जिद के लिए इकट्ठा किया करोड़ों का चंदा
Indigo Crisis Day 7: इंडिगो ने दिया ₹827 करोड़ का रिफंड, यात्रियों को लौटाए 4500 बैग