SANT मिसाइल का पोखरन में सफल परीक्षण, तीसरी पीढ़ी की यह स्वदेशी मिसाइल दस किमी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के शस्त्रागार (arsenal) को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी के बम और स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार के बाद हाल के दिनों में परीक्षण किए जाने वाले स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला की यह तीसरी पीढ़ी है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2021 2:36 PM IST / Updated: Dec 11 2021, 08:07 PM IST

नई दिल्ली। देश को रक्षा क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल हुई है। भारत ने शनिवार को पोखरन रेंज (Pokhran range) में स्वदेशी डिजाइन और विकसित स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक (SANT) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायु सेना (IAF) ने संयुक्त रूप से यह परीक्षण किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने टेस्ट टीम को बधाई दी है। मंत्रालय ने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ स्वदेशी विकास रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर एक मजबूत कदम है।

मिशन उद्देश्यों को पूरा करने में सफल

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि टेस्टिंग अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा। रिलीज सिस्टम, एडवांस गाइडेंस और ट्रैकिंग एल्गोरिदम, एकीकृत सॉफ्टवेयर के साथ सभी एवियोनिक्स, संतोषजनक ढंग से प्रदर्शन किया और ट्रैकिंग सिस्टम ने सभी मिशन कार्यक्रमों की निगरानी की है।

10 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को करेगा बेअसर

SANT मिसाइल अत्याधुनिक मिलीमीटर वेव (MMW) सीकर से लैस है जो सुरक्षित दूरी से high precision स्ट्राइक क्षमता प्रदान करती है। यह हथियार 10 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को बेअसर कर सकता है।

भारतीय वायुसेना के शस्त्रागार (arsenal) हुए मजबूत

SANT मिसाइल को अन्य DRDO प्रयोगशालाओं के कोआर्डिनेशन और उद्योगों की भागीदारी के साथ हैदराबाद में रिसर्च सेंटर इमरत द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के शस्त्रागार (arsenal) को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी के बम और स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार (SAAW) के बाद हाल के दिनों में परीक्षण किए जाने वाले स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला की यह तीसरी पीढ़ी है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहा कि SANT मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और बढ़ाएगा। SANT मिसाइल को अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI), हैदराबाद द्वारा अन्य DRDO प्रयोगशालाओं के समन्वय और उद्योगों की भागीदारी के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है।

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