करतारपुर गुरुद्वारे पर पाकिस्तान की नई चाल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजनयिक को तलब किया

पाकिस्तान द्वारा करतारपुर स्थित गुरुद्वारे के रखरखाव और प्रबंधन को सरकारी सस्था को देने को लेकर भारत ने शुक्रवार को कड़ी निंदा की थी। अब इसी को लेकर शनिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी को तलब किया। इसके बाद पाक अधिकारी विदेश मंत्रालय के सामने पेश होने के लिए साउथ ब्लॉक पहुंचे थे।

Asianet News Hindi | Published : Nov 6, 2020 8:36 PM IST / Updated: Nov 07 2020, 02:15 AM IST

नई दिल्ली. पाकिस्तान द्वारा करतारपुर स्थित गुरुद्वारे के रखरखाव और प्रबंधन को सरकारी सस्था को देने को लेकर भारत ने शुक्रवार को कड़ी निंदा की थी। अब इसी को लेकर शनिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी को तलब किया। इसके बाद पाक अधिकारी विदेश मंत्रालय के सामने पेश होने के लिए साउथ ब्लॉक पहुंचे थे। बता दें कि भारत ने पाकिस्तान की इस हरकत पर बयान जारी कर आपत्ति जताई थी।

पाक राजनायिक को तलब किया

न्यूज एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान सरकार द्वारा गुरुद्वारे को लेकर दिया गया यह एकतरफा निर्णय निंदनीय है और करतारपुर और सिख समुदाय की भावनाओं के खिलाफ है। सरकार ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि इसको लेकर हमने विरोध दर्ज कराया है। आज हमने पाकिस्तान उच्चायोग के राजनयिक को तलब किया और उन्हें बता दिया कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

गुरुवार को जारी किया था सरकार ने बयान

दरअसल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब का पूरा नियंत्रण आधिकारिक तौर पर छीनकर उसे एक मुस्लिम संस्था को दे दिया है जो सिख समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के समान है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इमरान सरकार की इस हरकत से उसकी असली मानसिकता उजागर होती है।  

PMU को दिया गया जिम्मा

दरअसल, करतारपुर गुरुद्वारे का रखरखाव और प्रबंधन अबतक सिख गुरुद्वारा कमेटी द्वारा किया जाता रहा है। लेकिन अब इस गुरुद्वारे की देखरेख का जिम्मा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) को दिया गया है जो एक मुस्लिम संस्था है। इसके साथ ही यहां ETBP के 9 अफसरों को भी नियुक्त किया गया है जो PMU के अंतर्गत काम करेंगे। इसमें सबसे बड़े दो नाम मोहम्मद तारिख खान और अब्दुल्ला अवाइस हैं। इन्हें क्रमश: सीईओ और डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया गया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान सरकार ने सभी अफसरों को आदेश जारी करते हुए तुरंत कार्यभार संभालने के आदेश जारी किए हैं। 

व्यापार का प्लान है पाकिस्तान का?

पाकिस्तान सरकार की ओर से करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर जारी किए गए नए आदेश में गुरुद्वारे के जरिए व्यापार का प्लान है। इस आदेश में प्रोजेक्ट बिज़नेस प्लान का जिक्र भी है। यानी गुरुद्वारे से अब इमरान खान सरकार पैसा कमाने की जुगत में जुट गई है।

क्या है करतारपुर कॉरिडोर?

सिखों के पवित्र स्थल में से एक करतारपुर साहिब को गुरुनानक देव का निवास स्थान बताया जाता है। पाकिस्तान में पड़ने वाले इस स्थान पर ही गुरुनानक देव ने अपनी अंतिम सांसें ली थीं। पहले सिख श्रद्धालु दूरबीन के जरिए करतारपुर गुरुद्वारे का दर्शन करते थे, लेकिन भारत और पाकिस्तान सरकार ने मिलकर कॉरिडोर बना दिया है।

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