Good News: 2030 तक भारत में होगी दुनिया की सबसे बड़ी वर्किंग एज पॉपुलेशन

Published : Aug 26, 2023, 02:44 PM ISTUpdated : Aug 26, 2023, 02:47 PM IST
India industry

सार

मैकिन्से ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 2030 तक काम करने वाले लोगों की आबादी के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर होगा। इसके बाद चीन और इंडोनेशिया का स्थान होगा। 

नई दिल्ली। ग्लोबल मैनेजमेंट फर्म मैकिन्से ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 2030 तक भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आबादी होगी। इसके बाद चीन और इंडोनेशिया का स्थान होगा। मैकिन्से की रिपोर्ट से इस बात के संकेत मिले हैं कि दुनिया आर्थिक भूगोल को पूर्वी देशों की ओर स्थानांतरित होते देख रही है। पूर्व के देशों में आर्थिक तरक्की तेजी से हो रही है।

मैकिन्से ने शनिवार को जी20 अर्थव्यवस्थाओं में सतत और समावेशी विकास को बढ़ावा विषय पर रिपोर्ट पेश किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया गहराई से एक-दूसरे पर निर्भर है। यह निर्भरता बढ़ती जा रही है। दुनिया एक नए युग के मुहाने पर पहुंच रही है। आर्थिक भूगोल पूर्व की ओर शिफ्ट हो रहा है। भारत जैसे पूर्वी देश वैश्विक आर्थिक तरक्की को रफ्तार दे रहे हैं।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उच्चतम स्तर पर है कर्ज

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही भविष्य में आर्थिक केंद्रों के बदलने की संभावना है, G20 अर्थव्यवस्थाओं में वर्तमान में स्थिरता और इन्क्लूजन पर व्यापक और अलग-अलग रुझान हैं। आज दुनिया आर्थिक संकट का सामना कर रही है। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से पहली बार कर्ज उच्चतम स्तर पर है। जी20 देशों में कर्ज GDP (Gross Domestic Product) की तुलना में 300% से अधिक है। देशों के भीतर अमीर और गरीब के बीच असमानता 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से उच्चतम स्तर पर है।

चीन और भारत बने हुए हैं ग्रोथ इंजन

मैकिन्से ने बताया है कि चीन और भारत जी20 के लिए मुख्य विकास इंजन बने हुए हैं। अन्य देश इन्क्लूजन और स्थिरता पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। यूरोपीय देश, जापान और कोरिया जीवनकाल से लेकर बैंक खातों के साथ जनसंख्या की हिस्सेदारी तक कई संकेतकों पर काफी आगे हैं। उभरती अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन कम है। यूरोप के देशों में सकल घरेलू उत्पाद में CO2 उत्सर्जन का अनुपात कम है।

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