
India-US Trade Dispute Update: भारत ने अमेरिका के उस दावे को एक बार फिर सख्ती से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के टैरिफ के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्धविराम (Ceasefire) हुआ। यह खंडन ऐसे समय आया है जब अमेरिका की एक अदालत में ट्रंप की 'लिबरेशन डे' टैरिफ पॉलिसी (Liberation Day Tariffs) को खारिज कर दिया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने गुरुवार को कहा: 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) शुरू होने से लेकर 10 मई को युद्धविराम तक भारत और अमेरिका के बीच बातचीत जरूर हुई लेकिन इन चर्चाओं में कभी भी टैरिफ (Tariff) का मुद्दा नहीं आया। उन्होंने अमेरिका की अदालत में ट्रंप के बयान को असत्य और प्रोपेगेंडा बताया।
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक (Howard Lutnick) और विदेश सचिव मार्को रुबियो (Marco Rubio) ने कोर्ट में दलील दी थी कि भारत और पाकिस्तान जैसे परमाणु शक्तिशाली देश अगर ट्रंप के टैरिफ को रद्द किया गया तो फिर से संघर्ष की ओर बढ़ सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि ट्रंप की व्यापार पेशकश (Trade Offer) ही वह प्रेरणा थी जिससे दिल्ली और इस्लामाबाद ने हथियार डाले। हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया और ट्रंप की टैरिफ नीति को रोकने का आदेश दिया।
भारत की तरफ से साफ किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धविराम की बातचीत अमेरिका के माध्यम से नहीं बल्कि सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच हुई। इससे पहले भी भारत छह बिंदुओं वाला स्पष्टीकरण जारी कर चुका है, जिसमें ट्रंप की मध्यस्थता (Mediation Offer) और ट्रेड संबंधी दावों को पूरी तरह गलत बताया गया था।
जहां तक भारत-अमेरिका ट्रेड डील (India US Trade Deal 2025) का सवाल है, वह अभी भी ‘चर्चा के अंतिम चरण’ में है। उम्मीद की जा रही है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। लेकिन भारत ने 26 प्रतिशत टैरिफ से पूरी छूट की मांग की है जो फिलहाल 9 जुलाई तक स्थगित कर दी गई है। ट्रंप की मूलभूत 10% टैरिफ अभी भी लागू है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने हाल ही में कहा था कि कोई भी व्यापार समझौता (Trade Agreement) तब तक फाइनल नहीं माना जाता जब तक हर चीज तय न हो जाए। यह जटिल है और दोनों देशों के हितों को संतुलित करना होगा।