
Indian Air Defence Power: भारत की हवाई रक्षा प्रणाली (Air Defence System) पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुकी है। भारतीय सेना अब तीन लेयर वाली स्वदेशी एयर डिफेंस सुरक्षा के साथ पूरी तरह लैस होने की ओर बढ़ रही है। DRDO की तकनीकी पराक्रम और भारतीय सेना (Indian Army) की जरूरतों का संगम, अब MRSAM, QRSAM और VSHORADS जैसे स्वदेशी मिसाइल सिस्टम्स के जरिए आकार ले चुका है। MR-SAM से मिड रेंज पर, QRSAM से शॉर्ट रेंज पर और VSHORADS से लो एल्टीट्यूड पर दुश्मनों को जवाब देने के लिए तैयार है। यह न केवल रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया (Make in India)’ की बड़ी कामयाबी है, बल्कि चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों के मुकाबले भारत की तैयारियों को पुख्ता कर रहा।
3 और 4 अप्रैल 2025 को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारतीय सेना ने MRSAM (Medium Range Surface-to-Air Missile) का सफल परीक्षण किया। हाई-स्पीड टारगेट्स को ‘डायरेक्ट हिट’ के साथ ध्वस्त करने वाले ये ट्रायल, सिस्टम की लॉन्ग-शॉर्ट रेंज और हाई-लो एल्टीट्यूड टारगेट्स के खिलाफ तैयारी को प्रमाणित करते हैं।
इससे पहले फरवरी 2023 में ‘अभ्र’ नामक पहला MR-SAM रेजिमेंट सिक्किम के पास 33 कोर के अंतर्गत तैनात किया गया था, जो चीन सीमा की रक्षा करता है। हर रेजिमेंट में 8 लॉन्चर्स और 64 मिसाइलें होती हैं। इस प्रणाली को पुराने रूसी Kvadrat और OSA-AKM सिस्टम्स की जगह तैनात किया जा रहा है।
Quick Reaction Surface-to-Air Missile (QRSAM) DRDO का एक और स्वदेशी कमाल है जिसे खासतौर पर गतिशील युद्ध स्थितियों के लिए डिजाइन किया गया है। यह सिस्टम 30 किमी रेंज तक टारगेट्स को खोजते, ट्रैक करते और अल्पविराम पर फायर कर सकता है।
QRSAM का टेस्ट इतिहास और आगे की योजना: सितंबर 2022 में इसकी अंतिम ट्रायल श्रृंखला हुई थी। हालांकि अभी तक कोई ऑर्डर नहीं दिया गया है लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना इसकी पहली खेप खरीदने की तैयारी में है। साथ ही, इसमें Stabilized Electro-Optical Sight (SEOS) को जोड़ने की योजना है, जो टैंक, बोट्स और एयरक्राफ्ट से भी फायरिंग को आसान बनाएगा।
DRDO का VSHORADS (Very Short Range Air Defence System) एक पूरी तरह से पोर्टेबल, ट्राइपॉड-लॉन्च सिस्टम है, जो कम ऊंचाई पर उड़ते टारगेट्स को निशाना बनाता है। इसकी मारक रेंज 6 से 7 किमी है और यह मैक 1.5 की स्पीड तक पहुंच सकता है।
Akash NG (New Generation) मिसाइल डेवलप किए जाने के अंतिम चरण में है। यह QRSAM जैसा ही एरिया डिफेंस सिस्टम है परंतु Dual Pulse मोटर के कारण इसकी मारक क्षमता कहीं अधिक है। 30 किमी की रेंज वाली यह मिसाइल जल्द ही सेना के शस्त्रागार में शामिल होगी।