लद्दाख हिंसा में भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद तीनों सेनाओं को सरकार ने अलर्ट कर दिया है। ऐसे में चीन कोई और हरकत ना कर पाए इसके लिए LAC पर फाइटर विमानों से नजर रखी जा रही है।
नई दिल्ली. लद्दाख हिंसा में भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद तीनों सेनाओं को सरकार ने अलर्ट कर दिया है। ऐसे में चीन कोई और हरकत ना कर पाए इसके लिए LAC पर फाइटर विमानों से नजर रखी जा रही है। इसमें सुकोई 30MKI फाइटर जैट्स, अपाची अटैक हैलीकॉप्टर, CH-47 चिनूक हैलीकॉप्टर से चीन पर पूरी तरह से नजर रखी जा रही है। इसका उद्देश्य इंडियन आर्मी को सैन्य सहायता देना है।
इंडियन एयरफोर्स का सुकोई विमान हमेशा की तरह इस बार भी लड़ाई के मैदान में उतरने के लिए तैयार है। लद्दाख की सीमा पर चल रहे विवाद के बीच चीन को इस बात का आभास हो जाना चाहिए कि भारत उसके कैंप और पॉजिशन पर बराबर नजर बनाए हुए है। सुकोई 30MKI के अलावा मिराज 2000 और जैगुआर फाइटर प्लेन को भी लड़ाई के लिए तैयार करके रखा गया है। जहां से वो आसानी से उड़कर ऑपरेशन स्थल पर पहुंच सके।
सुकोई 30MKI, एएच-64E और सीएच-47 की है मुख्य भूमिका
सीएच-47 चिनूक विमान हैवी लिफ्ट करके उड़ सकता है, जिससे सैनिकों तक राशन, इक्यूपमेंट्स और ऐम्यूनिशन पहुंचाया जा सकता है। चिनूक भारतीय वायुसेना का एकमात्र ऐसा हेलीकॉप्टर है, जो ना केवल अधिक ऊंचाई तक उड़ सकता है बल्कि हैवी लोड्स भी उठा सकता है। Mi-17V5 विमान ना ज्यादा कम और ना ज्यादा अधिक सामान लेकर उड़ सकता है ये सामान्य चोपर है,लेकिन लद्दाख रिजन में इसका भी अहम रोल है।
वहीं, अपाचे AH-64E हैलीकॉप्टर मुख्य विमानों में से एक है, जिसे 'टैंक किलर' भी कहा जाता है। इसके अलावा ये मशीनरी, इनफेंट्री को भी सुरक्षित रख सकता है। साथ ही दुश्मन की सीमा के अंदर घुस सकता है।
गौरतलब है कि चीनी सेना की ओर से धोखे से सोमवार की रात को भारतीय सेना पर अटैक किया गया था, इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों ने शहादत दी थी। इसके बाद से देशभर में गुस्से का माहौल बन गया और चीनी प्रोडक्ट्स और कंपनियों का बहिष्कार करने की बात होने लगी। साथ ही 20 जवानों की शहादत का बदला लेने की मांग भी उठने लगी।