पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से भारतीय एयरलाइंस पर कितना बोझ पड़ेगा?

Published : Apr 30, 2025, 07:17 PM IST
पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से भारतीय एयरलाइंस पर कितना बोझ पड़ेगा?

सार

पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद करने से भारतीय एयरलाइंस को हर हफ्ते 77 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इससे उड़ानों का समय बढ़ेगा और ईंधन की खपत भी। नॉर्थ इंडिया से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।

मुंबई/दिल्ली: रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद करने से इंडियन एयरलाइंस को हर हफ्ते 77 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा खर्चा उठाना पड़ सकता है। एयरस्पेस बंद होने से फ्यूल ज्यादा लगेगा और सफर लंबा होगा। इससे नॉर्थ इंडिया के शहरों से जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स को काफी दिक्कत होगी। 

इंटरनेशनल फ्लाइट्स की संख्या और बढ़े हुए ट्रैवल टाइम को देखते हुए, हर महीने 306 करोड़ रुपये से ज्यादा का एक्स्ट्रा खर्चा आएगा। पहलगाम टेरर अटैक के बाद इंडिया और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के चलते एयरस्पेस बंद किया गया था। पाकिस्तान ने गुरुवार को बताया कि उसने इंडियन एयरलाइंस के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। दिल्ली और नॉर्थ इंडिया के दूसरे शहरों से जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स को अब दूसरा रास्ता लेना होगा, जिससे ट्रैवल टाइम 1.5 घंटे तक बढ़ जाएगा।  

एविएशन इंडस्ट्री के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि नॉर्थ अमेरिका जाने वाली 16 घंटे की फ्लाइट्स में करीब 1.5 घंटे का एक्स्ट्रा टाइम लगेगा। 1.5 घंटे एक्स्ट्रा ट्रैवल टाइम के लिए, बीच रास्ते में किसी एयरपोर्ट पर लैंडिंग, पार्किंग चार्जेस वगैरह मिलाकर करीब 29 लाख रुपये का खर्चा आएगा। इसी तरह, यूरोप जाने वाली 9 घंटे की फ्लाइट्स में भी करीब 1.5 घंटे का एक्स्ट्रा टाइम लगेगा। इसमें करीब 22.5 लाख रुपये का एक्स्ट्रा खर्चा आएगा। मिडिल ईस्ट जाने वाली फ्लाइट्स में करीब 45 मिनट का एक्स्ट्रा टाइम लगेगा और करीब 5 लाख रुपये का एक्स्ट्रा खर्चा आएगा।  

इंडियन एयरलाइंस ने अप्रैल में अलग-अलग इंटरनेशनल डेस्टिनेशंस के लिए 6,000 से ज्यादा डायरेक्ट फ्लाइट्स शेड्यूल की हैं। नॉर्थ इंडिया के शहरों से नॉर्थ अमेरिका, यूके, यूरोप, मिडिल ईस्ट जैसे देशों के लिए इंडियन एयरलाइंस हर हफ्ते 800 से ज्यादा फ्लाइट्स चलाती हैं। हर महीने आने-जाने वाली करीब 3,100 फ्लाइट्स और हर हफ्ते करीब 800 फ्लाइट्स चलती हैं। 

टोटल मंथली फ्लाइट्स में से करीब 1,900 फ्लाइट्स मिडिल ईस्ट के लिए नैरो-बॉडी प्लेन्स और कुछ वाइड-बॉडी प्लेन्स से चलती हैं। अगर एक फ्लाइट में 45 मिनट एक्स्ट्रा के लिए 5 लाख रुपये का खर्चा मानें, तो टोटल खर्चा करीब 90 करोड़ रुपये होगा।  

यूरोप और नॉर्थ अमेरिका के लिए आने-जाने वाली टोटल फ्लाइट्स करीब 1,200 हैं। नॉर्थ अमेरिकन फ्लाइट्स में 1.5 घंटे एक्स्ट्रा के लिए करीब 29 लाख रुपये और यूरोपियन फ्लाइट्स में 22 लाख रुपये का एक्स्ट्रा खर्चा मानें, तो टोटल खर्चा हर महीने करीब 306 करोड़ रुपये होगा। टोटल मंथली एक्स्ट्रा खर्चा करीब 307 करोड़ रुपये और वीकली खर्चा करीब 77 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।

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