चीन के धोखे के बाद भारत हर मोर्चे पर अलर्ट, सेना ने कहा, सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल

भारत और चीन के बीच चौथे चरण की सैन्य बातचीत के बाद भारतीय सेना ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इसके लगातार सत्यापन की जरूरत है। सेना ने कहा कि भारत और चीन सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 16, 2020 1:14 PM IST

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच चौथे चरण की सैन्य बातचीत के बाद भारतीय सेना ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इसके लगातार सत्यापन की जरूरत है। सेना ने कहा कि भारत और चीन सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा क्षेत्र से सैनिकों की पूर्ण वापसी सुनिश्चित करने के लिये आगे के कदमों पर चर्चा की।

मंगलवार शुरू हुई चर्चा बुधवार तक चली
कमांडरों के बीच चौथे चरण की वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सीमा के अंदर चुशुल में एक निर्धारित बैठक स्थल पर मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे शुरू हुई और बुधवार तड़के दो बजे तक चली। इस दौरान सैनिकों की वापसी की जटिल प्रक्रिया के तौर-तीरों को लेकर व्यापक चर्चा की गई।

क्या चर्चा की गई?
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की क्षेत्र से सैनिकों का पूरी तरह से हटना सुनिश्चित करने के लिये आगे के तरीकों पर चर्चा की गई।

"यह प्रक्रिया जटिल है"
बयान में कहा गया, दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह प्रक्रिया जटिल है और इसमें लगातार सत्यापन की जरूरत है। वे नियमित कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत के जरिए इसे आगे बढ़ा रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया नेतृत्व
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जो लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर हैं, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लियु लिन ने किया, जो दक्षिण शिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं।

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