
नई दिल्ली। एलएसी (LAC) के पास पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (Eastern Ladakh Area) में भारत (India) ने चीन (China) को सोमवार को ताकत का अहसास कराया। सोमवार को भारतीय सेना ने हवाई अभ्यास शुरू किया। इस अभ्यास में हवाई ब्रिगेड शत्रुजीत (Shatrujeet) शामिल रहा।
भारत-चीन के बीच गतिरोध के बीच सोमवार को भारतीय सेना ने
इसे हवाई ब्रिगेड (Air Brigade) शत्रुजीत कहा जाता है। इसमें सेना के बेहतरीन पैराट्रूपर्स (Para Troopers) शामिल होते हैं। ये तीन दिवसीय उच्च ऊंचाई वाले युद्धाभ्यास (war exercise) के केंद्र बिंदु है। इसमें सैनिकों को 14,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर एक ड्रॉप जोन (drop zone) में डाला गया।
एक अधिकारी ने कहा, “स्पेशल वाहनों और मिसाइल टुकड़ियों के साथ अमेरिकी मूल के C-130J विमान और सोवियत मूल के AN-32 विमानों के माध्यम से थिएटर को पांच अलग-अलग ठिकानों से ले जाया गया। इस दौरान ड्रॉफ्स विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि यह माइनस 20 डिग्री की स्थिति में हुई थी।''
विशेषज्ञों ने कहा कि अभ्यास का समय महत्वपूर्ण था क्योंकि लद्दाख में तनाव को शांत करने के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता के तीन सप्ताह बाद इसका आयोजन किया जा रहा था।
ताकत का भी करा रहा अहसास
उत्तरी सेना (Northern Army) के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) बीएस जसवाल ने कहा कि भारतीय सेना (Indian Army) उच्च ऊंचाई वाले अभ्यास के साथ चीन (China) को अपनी लड़ाकू क्षमताओं का स्पष्ट रूप से प्रदर्शन कर रही है। जसवाल ने कहा, ''सीमा विवाद के बाद भारत चीन के सामने खड़ा हो गया और अब सेना यह संदेश दे रही है कि पीएलए (PLA) को भारतीय सैन्य क्षमताओं को कम नहीं आंकना चाहिए। इस तरह के अभ्यास अतीत में आयोजित किए गए हैं, लेकिन छोटे पैमाने पर।”
चीन ने कर दी है गश्त तेज
लद्दाख सेक्टर (Ladakh Sector) में भारत के साथ जारी गतिरोध के बाद से अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में LAC के पार संवेदनशील क्षेत्रों में चीन ने गश्त तेज कर दी है। पीएलए ने नए शामिल किए गए सैनिकों की निगरानी के लिए क्षेत्र के वर्चस्व वाले गश्त को भी तेज कर दिया है। साथ ही पूर्वी क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों की निगरानी के लिए वरिष्ठ पीएलए अधिकारियों के दौरे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इन क्षेत्रों में बढ़ाई गतिविधियां
जिन क्षेत्रों में भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में पीएलए (PLA) गतिविधियां बढ़ाई है, उनमें लुंगरो ला, जिमीथांग और बुम ला शामिल हैं। भारत की ताकत को बढ़ावा देने के लिए जवाबी उपाय किए गए हैं। इस साल संघर्ष वाले जगहों पर दो दौर के विघटन के बावजूद, दोनों सेनाओं के पास अभी भी लद्दाख में 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं। हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग में समस्याओं का समाधान किया जाना बाकी है। हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) में भारतीय सेना की गश्त गतिविधि प्रभावित हुई है और देपसांग में पीएलए की अग्रिम उपस्थिति ने भी भारतीय सैनिकों की पीपी-10, 11, 11-ए, 12 और 13 तक जाने वाले मार्गों तक पहुंच को बाधित कर दिया है।
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