टेस्ट पायलट से अंतरिक्ष यात्री तक: कैसे शुभांशु शुक्ला बने ISS की यात्रा करने वाले पहले भारतीय

Published : Jun 10, 2025, 03:08 PM IST
Shubanshu Shukla

सार

Astronaut Shubanshu Shukla: भारतीय टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला जल्द ही ISS के लिए उड़ान भरेंगे। एयर शो से लेकर स्पेसएक्स ड्रैगन तक, जानिए उनके असाधारण सफर की कहानी।

Shubanshu Shukla: भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला बुधवार को इतिहास रचने जा रहे हैं। 39 साल के शुक्ला इंडियन एयरफोर्स में टेस्ट पायलट हैं। उनका काम विमान को उसकी सीमा तक जाकर परखना है। अब वह ISS (International Space Station) जाने वाले पहले भारतीय बनने वाले हैं।

शुभांशु शुक्ला नासा के Axiom-4 मिशन के तहत ISS के लिए अमेरिका के फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान (SpaceX Dragon spacecraft) के पायलट होंगे। वह ISS जाने वाले पहले भारतीय और अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे। उनके साथ नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (मिशन कमांडर), हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की भी ISS जाएंगे। आइए जानते हैं ग्रुप कैप्टन शुक्ला के इंडियन एयर फोर्स में टेस्ट पायलट से लेकर अंतरिक्ष यात्री बनने तक का सफर।

एयर शो में विमान देख शुभांशु शुक्ला ने संजोया था पायलट बनने का सपना

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। उनकी बहन सुचि मिश्रा ने बताया है कि विमान के प्रति उनका आकर्षण बचपन से ही है। शुक्ला बचपन में एक एयर शो में गए थे। विमानों की रफ्तार और आवाज ने उन्हें दीवाना बना दिया था। उसी समय से वह फाइटर फायलट बनने का सपना संजोने लगे थे।

शुभांशु शुक्ला ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) से की। उनके एनडीए की परीक्षा पास करने में भी एक सुखद संयोग है। उनके कुछ सहपाठी एनडीए के लिए फॉर्म लेकर आए थे। उनमें से एक को एहसास हुआ कि उसकी उम्र कुछ दिन अधिक हो गई है। उसने शुभांशु से पूछा कि क्या वह आवेदन करेंगे। शुभांशु ने आवेदन किया और पास हो गए।

SU-30 MKI से Mig-21 तक शुभांशु शुक्ला ने कई विमानों को किया है टेस्ट

शुक्ला ने 2005 में पुणे की NDA (National Defence Academy) और उसके अगले साल AFA (Air Force Academy) से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने इंडियन एयर फोर्स के टेस्ट पायलट के रूप में सुखोई Su-30 MKI, डोर्नियर, AN-32, मिग-21 और मिग-29 सहित कई विमानों का टेस्ट किया है। 2 से 3 साल में ही उन्होंने हवा में 2,000 घंटे से अधिक समय बिताया था।

कैसे हुई शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत?

शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 2018 में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि एक भारतीय बहुत जल्द अंतरिक्ष में जाएगा। इसके बाद ISRO (Indian Space Research Organisation) ने 2019 में अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना। शुक्ला की पत्नी कामना ने बताया है कि 2020 में इसरो के मिशन गगनयान के इच्छुक लोगों के लिए मानदंड था कि उन्हें टेस्ट पायलट बनना होगा। बहुत कम पायलट टेस्ट पायलट हैं। शुक्ला उनमें से एक हैं।

शुक्ला ने 2021 में रूस के मॉस्को में यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अंतरिक्ष यात्री के लिए जरूरी बेसिक ट्रेनिंग ली। रूस से लौटने के बाद उन्होंने बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में अपने कौशल पर और काम किया। वह 2024 में IAF में ग्रुप कैप्टन बने। जनवरी 2025 में शुक्ला को एक्सिओम स्पेस के मिशन 4 के लिए पायलट के रूप में चुना गया। यह नासा और इसरो का संयुक्त उपक्रम है।

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