दिसंबर तक नौसेना को मिलेंगे 10 युद्धपोत, बढ़ेंगी पनडुब्बी शिकार करने की क्षमता

Published : Jun 07, 2025, 08:52 PM IST
Indian Navy

सार

जून से दिसंबर 2025 के बीच भारतीय नौसेना में 10 नए युद्धपोत शामिल होंगे, जिनमें पनडुब्बी-रोधी अर्नाला भी शामिल है। अधिकांश जहाज भारत में निर्मित हैं और नौसेना की क्षमता में वृद्धि करेंगे।

Indian Navy: जून से दिसंबर 2025 के बीच इंडियन नेवी को 10 युद्धपोत मिलेंगे। इससे नौसेना के बेड़े का विस्तार होगा। इन युद्धपोतों में एंटी सबमरीन वारफेयर शैलो-वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) अर्नला शामिल है। यह 18 जून को विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन होने वाला है। इससे पनडुब्बी शिकार करने की नौसेना की क्षमता बढ़ेगी।

नौसेना में शामिल किए जाने वाले अधिकांश जहाज भारत में बने हैं। नौसेना के अनुसार, कमीशनिंग कार्यक्रम में ASW-SWC क्लास के जहाज शामिल हैं। इसकी शुरुआत 18 जून को नौसेना डॉकयार्ड विशाखापत्तनम में ASW-SWC अर्नाला से होगी। इस साल एक या दो और ASW-SWC जहाजों के भी कमीशन होने की उम्मीद है।

इंडियन नेवी के लिए बन रहे 16 ASW-SWC जहाज

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अर्नाला 16 ASW-SWC जहाजों में से पहला है जो नौसेना में शामिल होगा। इन जहाजों को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा L&T शिपबिल्डर्स के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत डिजाइन और बनाया गया है।

महाराष्ट्र के वसई स्थित ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर बना अर्नाला पनडुब्बी का पता लगाने और उसे खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह निगरानी और ​​खोज एवं बचाव मिशन कर सकता है। अर्नाला 77.6 मीटर लंबा है। इसका वजन 1,490 टन से अधिक है।

जून के अंत तक नौसेना में शामिल होगा आईएनएस तमाल

आईएनएस तमाल इस महीने के अंत तक कमीशन होने वाला है। यह आधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट है। इसे 2016 के भारत-रूस समझौते के तहत बनाया गया है। भारत ने रूस के साथ चार स्टील्थ फ्रिगेट के लिए 2.5 बिलियन डॉलर (21,439 करोड़ रुपए) का सौदा किया था। चार में से दो फ्रिगेट रूस में और दो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ भारत में बनाए जा रहे हैं। तमाल से पहले इसी क्लास का युद्धपोत आईएनएस तुशील दिसंबर 2024 में रूस के यंतर शिपयार्ड में कमीशन किया गया। यह फरवरी 2025 में भारत पहुंचा।

नौसेना में शामिल होने वाले अन्य जहाजों में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में बन रहा डाइविंग सपोर्ट शिप, कम से कम एक प्रोजेक्ट 17A (नीलगिरी-क्लास) फ्रिगेट, जिसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और जीआरएसई द्वारा संयुक्त रूप से बनाया जा रहा है और जीआरएसई का एक बड़ा सर्वे पोत शामिल है। एक अधिकारी ने कहा कि दूसरा नीलगिरी-क्लास फ्रिगेट भी साल के अंत से पहले चालू हो सकता है।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Trading Scam: रिलायंस के नाम पर बिजनेसमैन से 8 करोड़ की ठगी!
क्या कांग्रेस में शशि थरूर को जानबूझकर साइडलाइन किया जा रहा? X यूजर की पोस्ट ने छेड़ दी बहस