अमेरिका में भारतीय ने अपने ही घर में 2 बच्चे सहित 4 लोगों का मर्डर किया, 1 की लाश लेकर भाग गया

अमेरिका में अपने परिवार के चार सदस्यों की हत्या करने के आरोपी भारतीय मूल के आईटी पेशेवर को कोर्ट में पेश किया गया। वह हत्याओं को अंजाम देने के बाद एक शव को साथ लेकर कैलिफोर्निया के दूर-दराज़ के इलाके में भाग गया था। इसके बाद उसने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Oct 18, 2019 10:37 AM IST

सैन फ्रांसिस्को(San Francisco). अमेरिका में अपने परिवार के चार सदस्यों की हत्या करने के आरोपी भारतीय मूल के आईटी पेशेवर को कोर्ट में पेश किया गया। वह हत्याओं को अंजाम देने के बाद एक शव को साथ लेकर कैलिफोर्निया के दूर-दराज़ के इलाके में भाग गया था। इसके बाद उसने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।

‘सैक्रामेंटो बी’ अखबार की खबर के मुताबिक, प्लेसर काउंटी के प्रॉसिक्यूटर ने बुधवार को चार पृष्ठों की शिकायत में कहा कि 53 साल के शंकर नगप्पा हंगुद पर कई हत्याएं करने और अलग अलग इलाकों में हत्याएं करने का आरोप है।

बुधवार को दायर शिकायत के मुताबिक, प्रॉसिक्यूटर ने आरोप लगाया है कि डेटा विशेषज्ञ हंगुद ने सात अक्टूबर को दो लोगों की हत्या की। इसके अगले दिन उसने परिवार के एक और सदस्य का कत्ल कर दिया।

हत्या की वजह का नहीं हुआ खुलासा

प्रॉसिक्यूटर ने बताया कि 13 अक्टूबर को उसने चौथे शख्स की हत्या सिसिकियू काउंटी में की और शव को साथ माउंट शस्ता पुलिस के पास ले गया और पुलिस के सामने समर्पण कर दिया। 
उसने सोमवार को माउंट शास्ता के पुलिस के समक्ष पेश होकर कहा कि उसकी कार में एक शव है और उसके रोजविले अपार्टमेंट में तीन और शव हैं। रोजविले पुलिस ने बताया कि उन्हें एक वयस्क और दो बच्चों के शव मिले। पुलिस को अब तक हत्याओं को अंजाम देने की मंशा का पता नहीं चला है और उसने लोगों से सुराग देने की अपील की है।

आरोपी ने कहा- वकील की जरुरत नहीं 

अदालत में पेशी के दौरान, हंगुद ने प्लेसर सुपरीअर कोर्ट के न्यायाधीश जेफरी एस पेन्नी से दो बार कहा कि उसे वकील की जरूरत नहीं है। अदालत ने उससे कहा, ‘‘ मैं आपको सलाह देता हूं कि आप अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील को नियुक्त करें। ’’

खबर में बताया गया है कि इसके बाद प्लेसर काउंटी पब्लिक डिफेंडर ऑफिस ने दखल दी और मार्टिन जॉन्स को उसका वकील नियुक्त किया।

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]

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