3 करोड़ IRCTC खातों पर क्यों लगा ताला? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया आधार का कमाल

Published : Dec 13, 2025, 10:19 AM IST
3 करोड़ IRCTC खातों पर क्यों लगा ताला? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया आधार का कमाल

सार

टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए रेलवे ने 3.02 करोड़ संदिग्ध खाते बंद किए हैं। तत्काल बुकिंग में सुधार हेतु एंटी-बॉट और आधार-OTP सिस्टम लागू किए गए हैं। इन उपायों से कन्फर्म टिकटों की उपलब्धता बढ़ी है।

नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी कि रेलवे विभाग ने इस साल 3.02 करोड़ संदिग्ध IRCTC खातों को बंद कर दिया है। यह कदम टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए उठाया गया था। धोखेबाज बॉट्स और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके तत्काल टिकट बुक करने और उन्हें ऊंची कीमतों पर बेचने के लिए फर्जी आईडी बनाते थे। इससे असली यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाते थे।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फर्जी खातों को रोकने के लिए रेलवे ने एंटी-बॉट सिस्टम लागू किए हैं, जो ट्रैफिक को फिल्टर करते हैं और असली यात्रियों को टिकट बुक करने का एक आसान अनुभव देते हैं। तत्काल टिकट बुकिंग में गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए, सरकार ने आधार-आधारित OTP वेरिफिकेशन सिस्टम भी शुरू किया है। इस सिस्टम को ऑनलाइन बुकिंग में व्यवस्थित रूप से लागू किया गया है और 4 दिसंबर, 2023 तक यह 322 ट्रेनों में एक्टिव था। सरकार ने दावा किया है कि इस कदम से इन ट्रेनों में कन्फर्म तत्काल टिकटों की उपलब्धता में लगभग 65% मामलों में सुधार हुआ है।

तत्काल काउंटर टिकट के लिए भी OTP सिस्टम

इसी तरह, रेलवे ने रिजर्वेशन काउंटरों पर तत्काल टिकट बुक करने के लिए भी OTP सिस्टम शुरू किया है, जिसे दिसंबर 2023 तक 211 ट्रेनों में लागू किया जा चुका है। मंत्री ने जानकारी दी कि संदिग्ध टिकट बुकिंग से जुड़े कई PNR की पहचान की गई है और उन्हें नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट किया गया है।

साइबर हमलों को रोकने के लिए लगातार निगरानी

रेलवे के टिकटिंग और साइबर सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए, विभाग नेटवर्क फायरवॉल, इंट्रूज़न प्रिवेंशन सिस्टम, एप्लिकेशन डिलीवरी कंट्रोलर और वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी समेत कई लेयर्स वाली सुरक्षा का इस्तेमाल करता है।

साइबर हमलों को रोकने के लिए लगातार निगरानी

वैष्णव ने कहा कि रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम का नियमित सुरक्षा ऑडिट CERT-In-एम्पैनल्ड ऑडिट एजेंसियों द्वारा किया जाता है। इसके अलावा, किसी भी साइबर हमले का समय पर पता लगाने और उसे रोकने के लिए CERT-In और NCIIPC टिकटिंग सिस्टम से जुड़े इंटरनेट ट्रैफिक की लगातार निगरानी करते हैं।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

क्या है 'शांति' बिल? मोदी कैबिनेट के इस डिसीजन से क्या होगा बड़ा बदलाव?
इंडिगो फ्लाइट कैंसिलेशन में एक पिता की हिम्मत: रात भर गाड़ी चलाकर बेटे को पहुंचाया 800 km दूर स्कूल