
नई दिल्ली। देश में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। इंडिगो फ्लाइट कैंसलेशन 2025 अब भारत की सबसे बड़ी ऑपरेशनल क्राइसिस में बदलता दिख रहा है। बुधवार और गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार इंडिगो ने 550 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल कर दीं, जबकि शुक्रवार तक यह आंकड़ा 300 के करीब रहा। DGCA और सिविल एविएशन मंत्रालय ने हालात को सीरियस बताते हुए एयरलाइन से लगातार जवाब मांगा है। एयरलाइन ने माना है कि नए FDTL नियमों (Flight Duty Time Limitation) के दूसरे फेज शुरू होने के बाद उनकी प्लानिंग में कमी रह गई, जिसके कारण उन्हें अचानक शेड्यूल काटना पड़ा।
इंडिगो, जो भारत के कुल घरेलू हवाई ट्रैफिक का 60% हिस्सा अकेले संभालता है, आज अपनी सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है। सवाल यह है कि क्या यह परेशानी सिर्फ नियमों के बदलाव की वजह से है, या इसके पीछे ऑपरेशन मैनेजमेंट की एक बड़ी भूल छिपी है?
इंडिगो ने माना है कि 10 फरवरी, 2026 से पहले ऑपरेशंस को पूरी तरह नॉर्मल करना मुश्किल होगा। इतनी बड़ी अवधि का अनुमान यह सवाल खड़ा करता है कि क्या इंडिगो अपनी सबसे बड़ी मैनेजमेंट क्राइसिस से गुजर रहा है?
एयरलाइन ने DGCA से A320 फ्लीट के लिए FDTL नियमों में अस्थायी छूट मांगी है। यह वही नियम हैं जिनके तहत पायलट कितने घंटे उड़ान भर सकता है, रात के समय लैंडिंग की लिमिट, फ्लाइट के बीच आराम का समय तय किया जाता है। नए नियमों के लागू होते ही पायलटों की उपलब्धता घट गई और इंडिगो के पास उतना क्रू ही नहीं बचा, जितना उसके विशाल फ्लीट को चलाने के लिए चाहिए था।
इंडिगो के आंकड़े साफ बताते हैं कि दिसंबर में
FDTL फेज-2 के लागू होने के बाद पायलटों की जरूरत अचानक बढ़ गई, लेकिन इंडिगो ने भर्ती नहीं बढ़ाई। खुद फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) का आरोप है कि दो साल की तैयारी का समय होते हुए भी एयरलाइन ने “अनावश्यक हायरिंग फ्रीज” लगा रखी थी।
DGCA ने इंडिगो से कहा है:
टर्मिनल 1 निरीक्षण के दौरान DGCA ने इंडिगो की पैसेंजर-हैंडलिंग टीम को भी “काफी कम” बताया।
यह इस पूरे संकट का सबसे बड़ा सवाल है। अगर DGCA छूट दे देता है, तो इंडिगो तेजी से सामान्य कामकाज शुरू कर सकता है। लेकिन अगर छूट नहीं मिलती, तो आने वाले हफ्तों में और भी ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो सकती हैं। DGCA ने अभी सिर्फ इतना कहा है कि वह हालात की “रियल-टाइम मॉनिटरिंग” कर रहा है।
एयरलाइन के मुताबिक फ्लाइट्स की संख्या कम की जाएगी। शेड्यूल एडजस्ट किया जाएगा। 8 दिसंबर तक और उड़ानें कैंसल होंगी यानी यात्रा करने वालों को सतर्क रहना होगा।
कैंसलेशन की वजह से कई शहरों में किराए दोगुने हुए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी एयरलाइन “कृत्रिम महंगाई” न पैदा करे। लेकिन इंडिगो खुद कह रहा है कि अगले 2–3 दिनों में और फ्लाइट्स रद्द होंगी। इंडिगो का संकट सिर्फ एक “टेक्निकल या स्टाफ की कमी” नहीं, बल्कि एयरलाइन ऑपरेशन प्लानिंग में एक गहरी चूक को उजागर करता है। यात्रियों के लिए आने वाले 10–12 दिन और मुश्किल हो सकते हैं।