भारत में सबसे बड़ा फ़्लाइट ब्लैकआउट: क्यों फेल हुई इंडिगो? आखिर कब तक सुधरेंगे हालात?

Published : Dec 05, 2025, 10:08 AM IST
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सार

India Aviation Alert: क्या इंडिगो का फ्लाइट संकट अब राष्ट्रीय आपदा बन चुका है? 550+ उड़ानें रद्द, पायलट कमी और FDTL नियमों ने ऑपरेशन चरमरा दिए। क्या DGCA 10 फरवरी तक राहत देगा?

नई दिल्ली। देश में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। इंडिगो फ्लाइट कैंसलेशन 2025 अब भारत की सबसे बड़ी ऑपरेशनल क्राइसिस में बदलता दिख रहा है। बुधवार और गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार इंडिगो ने 550 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल कर दीं, जबकि शुक्रवार तक यह आंकड़ा 300 के करीब रहा। DGCA और सिविल एविएशन मंत्रालय ने हालात को सीरियस बताते हुए एयरलाइन से लगातार जवाब मांगा है। एयरलाइन ने माना है कि नए FDTL नियमों (Flight Duty Time Limitation) के दूसरे फेज शुरू होने के बाद उनकी प्लानिंग में कमी रह गई, जिसके कारण उन्हें अचानक शेड्यूल काटना पड़ा।

भारत के घरेलू हवाई ट्रैफिक का कितना हिस्सा संभालता है इंडिगो?

इंडिगो, जो भारत के कुल घरेलू हवाई ट्रैफिक का 60% हिस्सा अकेले संभालता है, आज अपनी सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है। सवाल यह है कि क्या यह परेशानी सिर्फ नियमों के बदलाव की वजह से है, या इसके पीछे ऑपरेशन मैनेजमेंट की एक बड़ी भूल छिपी है?

क्या भारत की एविएशन हिस्ट्री का सबसे बड़ा फ्लाइट डिसरप्शन हो रहा है?

इंडिगो ने माना है कि 10 फरवरी, 2026 से पहले ऑपरेशंस को पूरी तरह नॉर्मल करना मुश्किल होगा। इतनी बड़ी अवधि का अनुमान यह सवाल खड़ा करता है कि क्या इंडिगो अपनी सबसे बड़ी मैनेजमेंट क्राइसिस से गुजर रहा है?

इंडिगो ने DGCA से क्या छूट मांगी और क्यों?

एयरलाइन ने DGCA से A320 फ्लीट के लिए FDTL नियमों में अस्थायी छूट मांगी है। यह वही नियम हैं जिनके तहत पायलट कितने घंटे उड़ान भर सकता है, रात के समय लैंडिंग की लिमिट, फ्लाइट के बीच आराम का समय तय किया जाता है। नए नियमों के लागू होते ही पायलटों की उपलब्धता घट गई और इंडिगो के पास उतना क्रू ही नहीं बचा, जितना उसके विशाल फ्लीट को चलाने के लिए चाहिए था।

क्या पायलटों की कमी ने हालात बिगाड़े?

इंडिगो के आंकड़े साफ बताते हैं कि दिसंबर में

  • कैप्टन उपलब्ध: 2,357
  • जरूरत: 2,422
  • फर्स्ट ऑफिसर उपलब्ध: 2,194
  • जरूरत: 2,153

FDTL फेज-2 के लागू होने के बाद पायलटों की जरूरत अचानक बढ़ गई, लेकिन इंडिगो ने भर्ती नहीं बढ़ाई। खुद फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) का आरोप है कि दो साल की तैयारी का समय होते हुए भी एयरलाइन ने “अनावश्यक हायरिंग फ्रीज” लगा रखी थी।

क्या DGCA एयरलाइन पर सख्ती करेगा?

DGCA ने इंडिगो से कहा है:

  • हर 15 दिन में प्रोग्रेस रिपोर्ट दें
  • स्टाफ और ग्राउंड टीम बढ़ाएं
  • नया ट्रेनिंग और क्रू मॉडल तैयार करें
  • शेड्यूल री-स्ट्रक्चर करें

टर्मिनल 1 निरीक्षण के दौरान DGCA ने इंडिगो की पैसेंजर-हैंडलिंग टीम को भी “काफी कम” बताया।

क्या DGCA इंडिगो को FDTL नियमों में छूट देगा?

यह इस पूरे संकट का सबसे बड़ा सवाल है। अगर DGCA छूट दे देता है, तो इंडिगो तेजी से सामान्य कामकाज शुरू कर सकता है। लेकिन अगर छूट नहीं मिलती, तो आने वाले हफ्तों में और भी ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो सकती हैं। DGCA ने अभी सिर्फ इतना कहा है कि वह हालात की “रियल-टाइम मॉनिटरिंग” कर रहा है।

यात्रियों के लिए अगले 10 दिन कैसे होंगे?

एयरलाइन के मुताबिक फ्लाइट्स की संख्या कम की जाएगी। शेड्यूल एडजस्ट किया जाएगा। 8 दिसंबर तक और उड़ानें कैंसल होंगी यानी यात्रा करने वालों को सतर्क रहना होगा।

क्या किराए बढ़ेंगे? क्या यात्रियों के लिए हालात और खराब होंगे?

कैंसलेशन की वजह से कई शहरों में किराए दोगुने हुए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी एयरलाइन “कृत्रिम महंगाई” न पैदा करे। लेकिन इंडिगो खुद कह रहा है कि अगले 2–3 दिनों में और फ्लाइट्स रद्द होंगी। इंडिगो का संकट सिर्फ एक “टेक्निकल या स्टाफ की कमी” नहीं, बल्कि एयरलाइन ऑपरेशन प्लानिंग में एक गहरी चूक को उजागर करता है। यात्रियों के लिए आने वाले 10–12 दिन और मुश्किल हो सकते हैं।

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