
नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले पांच दिनों से भारी संकट से गुजर रही है। चेन्नई और हैदराबाद एयरपोर्ट्स पर 200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल होने से यात्रियों में दहशत का माहौल है। लोग घंटों लाइन में खड़े हैं, टिकट रीबुक नहीं हो रहे, दूसरी एयरलाइनों ने किराए बढ़ा दिए हैं और एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी लगातार बढ़ रही है। कई यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे, कुछ ने रात एयरपोर्ट की कुर्सियों पर बिताई, और कई दूसरे एयरलाइन के महंगे किराए भरकर किसी तरह अपने गंतव्य तक पहुंचने की कोशिश में लगे रहे। यह स्थिति अब एक साधारण तकनीकी समस्या नहीं लग रही, बल्कि ऐसा महसूस हो रहा है कि इंडिगो के अंदर कुछ बड़ा चल रहा है। सवाल यह है कि आखिर इंडिगो फ्लाइट्स एक साथ इतने बड़े पैमाने पर क्यों कैंसिल हो रही हैं? क्या यह क्रू की कमी, कोई तकनीकी दिक्कत, या फिर किसी बड़े सिस्टम फेल्योर का नतीजा है?
इंडिगो की समस्या अचानक नहीं आई। यह पिछले पांच दिनों से लगातार बढ़ रही है। शुरूआत में यात्रियों को लगा कि यह कुछ तकनीकी दिक्कतें होंगी, लेकिन चौथे और पांचवें दिन संकट ने बड़ा रूप ले लिया। चेन्नई और हैदराबाद जैसे बड़े एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स के बड़े पैमाने पर कैंसिल होना बताता है कि इंडिगो अपने नेटवर्क और सिस्टम को ठीक करने के लिए बड़े स्तर का रीबूट (System Reboot) कर रही है।लेकिन सवाल वही है कि आखिर कब तक?
रविवार सुबह से ही चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। एयरपोर्ट ने X पर बताया कि सुबह 8 बजे तक ही 38 फ्लाइट्स आधिकारिक तौर पर कैंसिल घोषित की जा चुकी थीं, और दिन बढ़ते-बढ़ते यह संख्या लगभग 100 फ्लाइट्स तक पहुंच गई। इस कारण सैकड़ों यात्री फंस गए। रिफंड काउंटरों पर लंबी लाइनें लग गईं। दूसरे एयरलाइन के टिकट महंगे हो गए। कई यात्री होटल या घर लौट नहीं पाए। कई बिज़नेस मीटिंग्स और यात्राएं रद्द हुईं और सबसे बड़ी दिक्कत यह रही कि यात्रियों को आखिरी समय पर जानकारी मिली, जिससे वे फंस गए।
राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, हैदराबाद में स्थिति और भी गंभीर रही। यहां इंडिगो ने रविवार को 61 डिपार्चर और 54 अराइवल फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं। इस तरह 3 से 7 दिसंबर के बीच कुल 519 फ्लाइट्स रद्द हुईं। यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन सही जानकारी नहीं दे रही थी। कई लोग उसी फ्लाइट के लिए घंटों लाइन में खड़े रहे, जो पहले ही कैंसिल हो चुकी थी।
इंडिगो की ओर से शनिवार को जारी बयान में कहा गया कि 95% नेटवर्क कनेक्टिविटी वापस शुरू हो चुकी हैं। रविवार के आखिर तक 1,500 से ज़्यादा फ्लाइट चलेंगी। "सुधार के शुरुआती संकेत" दिख रहे हैं, लेकिन यात्रियों का अनुभव कुछ और ही कह रहा है। चेन्नई और हैदराबाद की स्थिति देखकर लगता है कि संकट अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। एयरलाइन ने खुद स्वीकार किया कि उसने 5 दिसंबर को बड़े पैमाने पर फ्लाइट्स कैंसिल कीं क्योंकि सिस्टम रीबूट जरूरी था।
यही वह हिस्सा है जिस पर एयरलाइन ने साफ जवाब नहीं दिया। इंडिगो ने कारण तो नहीं बताया, लेकिन यह साफ है कि समस्या गंभीर थी, तभी इतने बड़े लेवल पर रीबूट की जरूरत पड़ी।
सबसे ज्यादा शिकायतें इन्हीं दो बातों को लेकर आ रही हैं:
एयरलाइन का दावा है कि स्थिति अब बेहतर है। लेकिन चेन्नई और हैदराबाद जैसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट में अफ़रा-तफ़री बताती है कि संकट पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। अगर सुधार जारी रहता है, तो अगले 24–48 घंटों में स्थिति सामान्य हो सकती है, लेकिन फिलहाल यात्रियों को एयरलाइन की अपडेट्स पर नजर रखनी चाहिए। क्या आपकी फ्लाइट भी प्रभावित है? एक बार एयरलाइन की अपडेट जरूर देखें। यह संकट बताता है कि बड़ी एयरलाइनों में भी अचानक बड़े पैमाने पर समस्याएं आ सकती हैं।