इंद्राणी मुखर्जी ने ईडी के सामने क्या कह दिया था, जिसके बाद चिदंबरम हो गए गिरफ्तार

इंद्राणी मुखर्जी ने ईडी को बताया, "आईएनएक्स मीडिया द्वारा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड को आवेदन दिए जाने के बाद वह अपने पति और कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ चिदंबरम से मिलने उनके दिल्ली के उत्तरी ब्लॉक ऑफिस में गई थी।" 

Sushil Tiwari | Published : Aug 21, 2019 8:44 AM IST / Updated: Aug 22 2019, 07:15 PM IST

नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। उन्हें बुधवार की रात गिरफ्तार किया गया था। उनपर 2007 में  वित्त मंत्री रहने के दौरान रिश्वत लेकर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से आईएनएक्स मीडिया को विदेश निवेश के लिए 305 करोड़ रुपए की मंजूरी दिलाने का आरोप है। इस केस में आईएनएक्स की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी सरकारी गवाह हैं। उन्होंने ही ईडी के सामने पूरी कहानी बताई थी। इसी के बाद चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ती चली गईं। 

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक ईडी ने आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर्स इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी से पूछताछ की। तब उन्होंने पूरी पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति से पहली मुलाकात और उसके पीछे की पूरी कहानी बताई।  

चिदंबरम से दिल्ली के उनके ऑफिस में मुलाकात हुई : इंद्राणी
इंद्राणी मुखर्जी ने एजेंसी को बताया, "आईएनएक्स मीडिया द्वारा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड को आवेदन दिए जाने के बाद वह अपने पति और कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ चिदंबरम से मिलने उनके दिल्ली के उत्तरी ब्लॉक ऑफिस में गई थी।"  

चिदंबरम ने बेटे कार्ति की व्यवसाय में मदद की बात कही : इंद्राणी
"पीटर ने पी चिदंबरम के साथ बातचीत शुरू की और एफडीआई लाने के लिए आईएनएक्स मीडिया के आवेदन का जिक्र किया। आवेदन की एक कॉपी उन्हें (चिदंबरम) को दी। इस मुद्दे को समझने के बाद चिदंबरम ने पीटर से कहा कि वह अपने बेटे कार्ति को उसके व्यवसाय में मदद करें। 2008 में जब उन्हें एफआईपीबी अप्रूवल से जुड़े कंपनी की कथित अनियमितताओं के बारे में पता चला तो पीटर ने फैसला किया कि इन मुद्दों को हल करने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मिलना चाहिए।" 

कार्ति ने 1 मिलियन डॉलर की मांग की : इंद्राणी  
"पीटर ने कहा कि कथित अनियमितताओं को कार्ति चिदंबरम की मदद और सलाह के साथ सही किया जा सकता है, क्योंकि उनके पिता तत्कालीन वित्त मंत्री थे।"
इंद्राणी ने ईडी को बताया, "वे कार्ति से दिल्ली के एक होटल में मिली थीं। कार्ति ने पूछा कि क्या मामले को सुलझाने के लिए $ 1 मिलियन उनके या उनके सहयोगियों के विदेशी खाते में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। तब पीटर ने कहा कि विदेशी ट्रांसफर संभव नहीं है। तब उन्होंने भुगतान करने के लिए दो फर्मों 'चेस मैनेजमेंट' और 'एडवांटेज स्ट्रेटजिक' के नाम सुझाए।" 

Share this article
click me!