अगर आपकी गाड़ी का चालान कट गया है, तो इन 7 स्टेप से करा सकते हैं माफ

यह खबर राष्ट्रीय राजधानी(national capital) के वाहन मालिकों(Vehicle owners) के लिए एक अच्छी बात लेकर आई है। अब दिल्लीवाले अपने घरों में आराम से बैठकर अपना चालान ऑनलाइन माफ करा सकते हैं। लोगों को इस झंझट से बचाने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस एक नेशनल लोक अदालत(National Lok Adalat)का आयोजन करने जा रही है। अगर आपके वाहन का चालान दिल्ली में जारी किया गया है, तो इसे माफ करने का यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है।

नई दिल्ली: यह खबर राष्ट्रीय राजधानी(national capital) के वाहन मालिकों(Vehicle owners) के लिए एक अच्छी बात लेकर आई है। अब दिल्लीवाले अपने घरों में आराम से बैठकर अपना चालान ऑनलाइन माफ करा सकते हैं। हैरान मत होइए, क्योंकि ये जाहिर सी बात है कि चालान भरने ट्रैफिक थाने या कोर्ट जाना पड़ता है। लोगों को इस झंझट से बचाने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस एक नेशनल लोक अदालत(National Lok Adalat)का आयोजन करने जा रही है। अगर आपके वाहन का चालान दिल्ली में जारी किया गया है, तो इसे माफ करने का यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। लोक अदालत दिल्ली में 14 मई 2022 को सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक होगी। लेकिन याद रखें, वहां आपका चालान सीधे सेटल नहीं होगा, अगर आप वहां सीधे जाते हैं। ये हैं वो 6 स्टेप, जिनसे आप अपना चालान माफ करा सकते हैं। क्लिक करके ओपन करें दिल्ली पुलिस की वेबसाइट

पहला स्टेप-अपने चालान के खिलाफ यानी उसे निरस्त(booking against your challan) कराने अपनी बुकिंग करने के लिए दिल्ली यातायात पुलिस की लोक अदालत की वेबसाइट पर जाइए।

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दूसरा स्टेप-चालान निरस्त कराने के लिए बुकिंग 11 मई की सुबह 10 बजे से शुरू हो गई है। बुकिंग के लिए अपने व्हीकल का रजिस्ट्रेशन नंबर फिल करना होगा।

तीसरा स्टेप-जो लिंक आपको दिख रही है, उससे अपना व्हीकल का चालान डाउनलोड करके प्रिंट आउट निकाल लें।

चौथा स्टेप- आप अपने चालान का नोटिस डाउनलोड करने के बाद अपने चालान में बताए गए न्यायालय परिसर(court premises) की जांच करें

पांचवां स्टेप-नोटिस में जिस कोर्ट का जिक्र किया गया है, अब आप वहां जा सकते हैं। इससे आपका समय बचेगा और बेवजह यहां-वहां पूछताछ नहीं करनी पड़ेगी।

छठवां स्टेप-न्यायालय परिसर में मजिस्ट्रेट के सामने अपना चालान पेश करें। पर ये बात याद रखें कि यदि चालान नियमित अदालत में भेजा गया था, तो लोक अदालत में इसका निपटारा नहीं किया जाएगा।

सातवां स्टेप-चरण अगर आप इस कैटेगरी में आते हैं, तो जुर्माने की राशि में कमी या छूट के लिए अपील या चुनौती दे सकते हैं।

यह भी जानें
बता दें कि इसी समस्या के समाधान के लिए इससे पहले जनवरी में चार राष्ट्रीय लोक अदालतों में कुल 1,27,87,329 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इसमें 55,81,117 लंबित मामले और मुकदमेबाजी के पहले के रिकॉर्ड 72,06,212 मामले शामिल थे। अब राष्ट्रीय लोक अदालतों सहित सभी लोक अदालतों का आयोजन वर्चुअल और हाइब्रिड मोड के जरिये होने लगा है। अदालतों की कार्यवाहियों को सुगम और सरल बनाने के लिए अब देश भर में कानूनी सेवा प्राधिकरण(Legal Services Authorities) अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे(digital infrastructure) को लगातार उन्नत कर रहे हैं।

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