सेकेंड्स में दुश्मनों को उड़ा डालेगी INS खंडेरी पनडुब्बी, कई गुना बढ़ी नौसेना की ताकत

नई दिल्ली. जल सेना को मजबूती देने के लिए सरकार ने स्कॉर्पीन श्रेणी (Scorpene Class) की दूसरी पनडुब्बी (Submarine)आईएनएस खंडेरी (INS Khanderi) का ट्रायल पूरा कर लिया है। यह मुंबई में 28 सितंबर को नौसेना में शामिल होने वाली है। खंडेरी दूसरी पनडुब्बी है जो तारपीडो के साथ हमला कर सकती है और साथ ही ट्यूब से लॉन्च होने वाली एंटी-शिप मिसाइल से भी मार कर सकती है।

rohan salodkar | Published : Sep 26, 2019 1:53 PM IST / Updated: Sep 26 2019, 08:00 PM IST

नई दिल्ली. जल सेना को मजबूती देने के लिए सरकार ने भारत की स्कॉर्पीन श्रेणी (Scorpene Class) की दूसरी पनडुब्बी (Submarine)आईएनएस खंडेरी (INS Khanderi) मुंबई में 28 सितंबर को नौसेना में शामिल होने वाली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पनडुब्बी को नौसेना में शामिल करेंगे। नई तकनीक और  पनडुब्बी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है यह पनडु्ब्बी किसी जल सेना के लिए बड़ा तोहफा है। इससे नौसेना की क्षमता कई गुना बढ़ चुकी है।

साथ ही इस मौके पर पी 17ए श्रेणी के आईएनएस नीलगिरी (INS Nilgiri) का सहित ड्राईडॉक का भी उद्घाटन किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में खंडेरी से मिसाइल फाइरिंग और समुद्र में विभिन्न अभ्यास किए जाएंगे।” वाइस एडमिरल जी अशोक ने पनडुब्बी समेत विमान वाहक ड्राईडॉक की खूबियां भी बताई। आइए ड्राईडॉक भारत के सबसे बड़े जहाज आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) को बंदरगाह तक लाने की क्षमता रखता है।

आइए जानते हैं आखिर क्या खास है INS खंडेरी में

* खंडेरी को साल 2017 में लान्च किया गया था, तबसे यह समुद्र के भीतर ट्रायल पर थी।

* पनडुब्बी का नाम इसके पूर्ववर्ती आईएनएस खांदेरी (S22) के नाम पर रखा गया है। जो "फॉक्सट्रॉट" श्रेणी की पनडुब्बी है जिसे 1989 में हटा दिया गया था। पनडुब्बी का नाम छत्रपति शिवाजी के खंडेरी द्वीप के नाम पर रखा गया था।

* स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां डीजल-इलेक्ट्रिक हमले की पनडुब्बियां हैं जिन्हें संयुक्त रूप से डीसीएनएस फ्रांस द्वारा बनाया गया है। यह डीजल से चलने वाली पनडुब्बी हैं। 

* INS खंडेरी प्रोजेक्ट 2005 में शुरू हुआ था जब नेवी ने एमडीएल (Molecular Design Limited)के साथ करीब 18,798 करोड़ की डील साइन की थी।

* INS खंडेरी तारपीडो के साथ हमला कर सकती है। 

क्या है तारपीडो, किस तरह करता है काम-  

एक अॉटोमैटिक विस्फोटक मिसिाइल है, जिसे किसी पोत से जल की सतह के ऊपर या नीचे दागा जा सकता है। यह मिसाइल जल सतह के नीचे ही चलता है। आईएनएस खंडेरी दूसरी पनडुब्बी है जो तारपीडो के साथ हमला कर सकती है और साथ ही ट्यूब से लॉन्च होने वाली एंटी-शिप मिसाइल से भी मार कर सकती है।

जानिए खंडेरी पनडुब्बी की कीमत- 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस प्रोजक्ट में शामिल रहे हैं जिन्होंने दिसंबर 2017 में  स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को नौसेना में शामिल किया था।

फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप (पहले DCNS)ने 2005 में छह पनडुब्बी की आपूर्ति के लिए समझौता किया था। इस समय स्कॉर्पीन परियोजना की लागत करीब 25,000 करोड़ रुपये बताई गई है। जबकि पी-17ए के तहत 7 युद्धपोत की लागत 48,000 करोड़ रुपए बताई गई है। जून में नौसेना ने आईएनएस खंडेरी में कुछ गड़बड़ी भी पाई थीं, जिसमें इसके इंजन में खराबी थी साथ ही इंजन बहुत ज्यादा आवाज भी कर रहा था लेकिन अब पूरे प्रशिक्षण और ट्रायल के बाद यह युद्ध में उतरने को तैयार हैं।

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