यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार, कई ठिकानों पर ED का छापा

ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कपूर से सात घंटे पूछताछ कर बयान दर्ज किया है। इसके अलावा और अधिक जानकारी एवं सबूत जुटाने के लिए कपूर की तीन बेटियों के दिल्ली और मुंबई स्थित परिसरों पर शनिवार को छापे भी मारे।

Asianet News Hindi | Published : Mar 7, 2020 6:15 PM IST / Updated: Mar 08 2020, 11:34 AM IST

मुंबई. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार सुबह यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उनसे DHFL मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगातार दो दिन से पूछताछ चल रही थी। इसके अलावा दिल्ली और मुंबई में कुछ और स्थानों पर छापे भी मारे गये। अधिकारियों ने बताया कि कपूर को शनिवार दोपहर में बालार्ड एस्टेट स्थित एजेंसी के कार्यालय लाया गया था।

ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कपूर से सात घंटे पूछताछ कर बयान दर्ज किया है। इसके अलावा और अधिक जानकारी एवं सबूत जुटाने के लिए कपूर की तीन बेटियों के दिल्ली और मुंबई स्थित परिसरों पर शनिवार को छापे भी मारे।

DHFL का लोन भी जांच के दायरे में 
प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार रात वर्ली इलाके में 'समुद्र महल' परिसर में राणा के आवास की तलाशी ली थी और उससे वहां भी सख्त सवाल जवाब किए गए। अधिकारियों ने कहा कि कपूर के खिलाफ मामला घोटाले से प्रभावित डीएचएफएल से जुड़ा हुआ है, क्योंकि बैंक द्वारा कंपनी को दिया गया कर्ज कथित रूप से गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित कर दिया गया है। डीएचएफएल द्वारा एक कंपनी को 600 करोड़ रुपये का ऋण देना भी ईडी की जांच के दायरे में है।

उत्तर प्रदेश में हुए कई घोटालों को लेकर हो रही है जांच 
कपूर के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गयी है। केंद्रीय जांच एजेंसी कुछ कारपोरेट संस्थाओं को दिए गए ऋण और कथित रूप से रिश्वत के रूप में कुछ धनराशि कपूर की पत्नी के खातों में जमा किये जाने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच भी कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच दायरे में हैं, जिसमें एक मामला उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित है। सीबीआई ने हाल में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच शुरू की है, जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की मेहनत की कमाई को दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) में निवेश किया गया।

रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है। रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया। इसके साथ ही एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।

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