
ISRO Bluebird Block-2 Mission: ISRO 24 दिसंबर, 2025 को ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। यह मिशन LVM3-M6 रॉकेट के जरिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। इस लॉन्च का उद्देश्य US-बेस्ड AST SpaceMobile के ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में तैनात करना है। इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह स्पेस-बेस्ड मोबाइल ब्रॉडबैंड सर्विस प्रदान करेगा, जिससे स्मार्टफोन यूज़र सीधे अंतरिक्ष से इंटरनेट कनेक्टिविटी हासिल कर पाएंगे।
क्या LVM3-M6 रॉकेट की ताकत इस मिशन को सफल बनाएगी? LVM3-M6 ISRO का हेवी-लिफ्ट लॉन्च सिस्टम है, जिसमें तीन स्टेज हैं: दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन बूस्टर (S200), एक लिक्विड-फ्यूल वाला कोर स्टेज (L110) और क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25)। 43.5 मीटर लंबा और लगभग 640 टन वजन वाला यह रॉकेट 4,200 किलोग्राम तक के पेलोड को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट या LEO में ले जा सकता है। इससे पहले LVM3 ने चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवेब मिशन जैसे प्रमुख पेलोड सफलतापूर्वक ऑर्बिट में पहुँचाए हैं।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट LEO में अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। इसका लक्ष्य बिना किसी विशेष उपकरण के सीधे मोबाइल स्मार्टफोन को स्पेस-बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस देना है। यानी यूज़र अपने स्मार्टफोन से किसी भी लोकेशन में हाई-स्पीड इंटरनेट इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सैटेलाइट नई पीढ़ी की तकनीक पर आधारित है और भारत के कमर्शियल स्पेस सेक्टर में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
क्या यह लॉन्च भारत की अंतरिक्ष क्षमता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा? ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कमर्शियल लॉन्च की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है। LVM3-M6 की छठी ऑपरेशनल उड़ान में यह मिशन ISRO के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगा। इस लॉन्च से भारत अंतरिक्ष से जुड़े स्मार्टफोन कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स में अग्रणी बन सकता है।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन 24 दिसंबर को सुबह 8:54 बजे लॉन्च होगा। इस ऐतिहासिक मिशन को लाइव ऑनलाइन देखा जा सकता है। यह मिशन न केवल ISRO की तकनीकी क्षमता दिखाएगा, बल्कि स्पेस-बेस्ड ब्रॉडबैंड सेवाओं के भविष्य की दिशा भी तय करेगा।