लैंडर से संपर्क टूटने से जब उदास हुए वैज्ञानिक, मोदी ने ये 5 बातें कह किया मोटिवेट

चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर शनिवार की सुबह 1.55 बजे चंद्रमा पर उतरा गया। लेकिन लैंडर विक्रम से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर ही इसरो का कनेक्शन टूट गया।

Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2019 9:12 PM IST

नई दिल्ली. चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर शनिवार की सुबह 1.55 बजे चंद्रमा पर उतरा गया। लेकिन लैंडर विक्रम से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर ही इसरो का कनेक्शन टूट गया। इसके बाद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को दिलाशा दी और इसरो चीफ की पीट थपथापते हुए बोले, 'हिम्मत रखिए।' इसके साथ ही भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। लैंडर विक्रम के साथ एक रोवर भी भेजा गया है, जिसका नाम प्रज्ञान रखा गया है। 

मोदी ने विज्ञानिकों से कही ये 5 बातें

Latest Videos

1- जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
2-देश को आप पर गर्व है।
3-पूरा हिंदूस्तान इसरो के वैज्ञानिकों के साथ है।
4-जो किया वो छोटी कामयाबी नहीं है। 
5-हमारी यात्रा आगे भी जारी रहेगी।

 

लैंडर का नाम 'विक्रम' और रोवर का नाम 'प्रज्ञान' क्यों?

- चंद्रयान- 2 के तीन हिस्से हैं। ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर। इसके लैंडर का नाम 'विक्रम' रखा गया है। इसके पीछे खास वजह है। दरअसल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर इसका नाम 'विक्रम' रखा गया है। 

- लैंडर का काम है कि रोवर से प्राप्त जानकारी को ऑर्बिटर तक पहुंचाना। फिर ऑर्बिटर उस जानकारी को धरती पर भेजेगा। ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा।  

- वहीं रोवर का नाम 'प्रज्ञान' है। इसे किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं रखा गया है, बल्कि संस्कृत का एक शब्द है, जिसका मतलब 'बुद्धि' होता है। रोवर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह चंद्रमा की सीमा में एक दिन तक काम करेगा। चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। 

इस दिन किया गया था लॉन्च

22 जुलाई को चंद्रयान-2 को भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। 16 मिनट के बाद ही यह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया। 22 दिनों तक पृथ्वी के चक्कर काटने के बाद 23वें दिन चांद की ओर रवाना हुआ। फिर 30वें दिन चांद की कक्षा में प्रवेश किया। 30 से 42वें दिन तक चांद के चक्कर काटने के बाद 43वें दिन लैंडर-ऑर्बिटर अलग हो गए। 44वें दिन लैंडर की रफ्तार धीमी करने की प्रक्रिया हुई। फिर 48वें दिन नियंत्रित लैंडिंग की प्रक्रिया और 48वें दिन यानी 6-7 सितंबर की रात को करीब दो बजे लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा गया।

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra: दलित के किचन Rahul Gandhi ने पकाया खाना, क्या खाकर हो गए परेशान?
बिजनेसमैन ने मनाया बीवी का 50वां बर्थडे, लग गया बॉलीवुड सेलेब्स का जमावड़ा
Haryana Elections: हरियाणा के सीएम की रेस में कौन आगे? चर्चाओं में ये 5 नाम
PM Modi Samman Niddhi 18th Kist: आ सकती है किसान सम्मान निधि की अटकी किस्त, तुरंत कर लें ये काम
विटामिए ए की कमी से हो सकती हैं ये बीमारियां, कैसे करें बचाव #Shorts