PSLV-C53 Launch: 30 जून की लांचिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू, मौसम की सटीक जानकारी देगा यह राकेट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब PSLV-C53 को लांच करने जा रहा है। 30 जून 2022 गुरूवार को इसरो 3 उपग्रहों का अंतरिक्ष में प्रक्षेपण करेगा। जिसकी उल्टी गिनती 29 जून शाम 5 बजे से शुरू हो गई है। 
 

Manoj Kumar | Published : Jun 29, 2022 12:17 PM IST / Updated: Jun 29 2022, 06:10 PM IST

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गुरुवार को अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से तीन उपग्रहों का अंतरिक्ष में प्रक्षेपण करेगा। सिंगापुर से संबंधित तीन उपग्रहों को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ एक अनुबंध के तहत लांच किया जा रहा है। यह न्यू इंडिया स्पेस मिशन का दूसरा मिशन है। 

कब और कहां से होगी लांचिंग
PSLV C-523 मिशन सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के दूसरे लांच पैड से शाम 6:00 बजे लांच किया जाएगा। मिशन के लिए उलटी गिनती 29 जून बुधवार शाम 5 बजे से ही शुरू हो गई है। यह इसरो तैयारी की तैयारी होती है, जिसके बाद अंतिम चरण में लांचिंग की जाती है। पीएसएलवी-सी53 न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड का दूसरा कमर्शियल मिशन है। पीएसएलवी का यह 55वां मिशन और पीएसएलवी-कोर अलोन वैरिएंट का उपयोग करने वाला 15वां मिशन होगा। यह दूसरे लांच पैड से 16वां पीएसएलवी लांच होगा। 

किया जाएगा लाइव प्रसारण
पीएसएलवी-सी53 का लाइव प्रक्षेपण किया जाएगा। इसे इसरो की आफिशियल वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है। श्रीहरिकोटा से इसका लाइव प्रसारण होगा और लाइव स्ट्रीमिंग भी चलाया जाएगा। अंतरिक्ष यान अपने प्रक्षेपण फेयरिंग डीएस-ईओ उपग्रह में तीन उपग्रहों को ले जाएगा। एसएआर पेलोड ले जाने वाला सिंगापुर का यह पहला छोटा वाणिज्यिक उपग्रह न्यूसार है। जो दिन और रात और सभी मौसम की स्थिति में फोटोज प्रदान करने में सक्षम है। PSLV-C53 का कुल द्रव्यमान 228.433 टन है और यह लगभग 44.4 मीटर लंबा है। प्रक्षेपण यान DS-EO उपग्रह को भूमध्य रेखा से मापी गई 570 किमी की ऊंचाई पर कक्षा में स्थापित करेगा।

क्या है न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड
न्यू स्पेस इंडिया मिशन भारत सरकार का एक पब्लिक सेक्टर है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की कमर्शियल शाखा भी है। इसकी स्थापना 6 मार्च 2019 को हुई थी। सी 51 के बाद यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का दूसरा मिशन है। इसरो ने फरवरी 2022 में पीएसएलवी-सी52 मिशन के तहत 3 सेटेलाइट लांच किए थे। जिसमें से एक रडार इमेजिंग था। यह खेती, वानिकी, मौसम और बाढ़ आदि के हालात में भी स्पष्ट तस्वीरें भेज सकता है।

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