Kashmir Terror Attack: भारत ने पाकिस्तान के साथ Indus Waters Treaty किया सस्पेंड, जानें होगा क्या असर

Published : Apr 23, 2025, 09:38 PM ISTUpdated : Apr 23, 2025, 09:54 PM IST
PM Narendra Modi in CCS Meeting

सार

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि निलंबित कर दी है। इससे पाकिस्तान में पानी की किल्लत होने की आशंका है। क्या होगा इसका असर?

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में CCS (Cabinet Committee on Security) की बैठक हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा पर फैसला लेने वाली यह निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।

2.5 घंटे तक चली CCS की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया गया। इनमें से एक फैसला यह है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) निलंबित कर दी है।

क्या है सिंधु जल संधि?

भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल संधि हुआ था। भारत ने पाकिस्तान के साथ इस संधि को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है। सिंधु जल संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्ध 1965, 1971 और 1999 हुए।

सिंधु जल संधि से भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी का बंटवारा हुआ था। जानकारों का मानना है कि यह पाकिस्तान के पक्ष में ज्यादा है। सिंधु जल संधि से पाकिस्तान को सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज का पानी मिलता है। ये नदियां पाकिस्तान के लिए लाइफ लाइन हैं। संधि निलंबित किए जाने के बाद भारत इन नदियों का पानी रोक सकेगा। इससे पाकिस्तान के करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित होगा।

सिंधु जल संधि सस्पेंड करने का होगा क्या असर?

सिंधु जल संधि सिंधु और उसकी सहायक छह नदियों को दो कैटेगरी में बांटती है।

पश्चिमी नदियां: सिंधु, झेलम और चिनाब को विशेष रूप से इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को आवंटित किया गया था।

पूर्वी नदियां: रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के पानी पर भारत को पूर्ण नियंत्रण मिला था।

भारत पश्चिमी नदियों का इस्तेमाल पीने के पानी, कृषि और जलविद्युत ऊर्जा जैसे सीमित उपयोग के लिए कर सकता है, लेकिन वह अतिरिक्त पानी को मोड़ नहीं सकता। पानी को जमा नहीं कर सकता। ये नदियां प्रति वर्ष लगभग 33 मिलियन एकड़ फीट (MAF) पानी ले जाती हैं। अब भारत बिना किसी प्रतिबंध के इस पानी का इस्तेमाल कर सकता है।

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