Pathankot terrorist attack: पठानकोट में आर्मी कैम्प के पास ग्रेनेड से हमला; पूरे जिले में नाकाबंदी

Jammu and Kashmir terrorism: पठानकोट में सैन्य क्षेत्र त्रिवेणी द्वार पर 21 नवंबर की रात बाइक सवार अज्ञात लोगों ने ग्रेनेड से हमला किया। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। घटना के बाद पूरे जिले में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है।
 

पठानकोट. जम्मू-कश्मीर में फिर से सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए हमला हुआ है। हालांकि हमला किसने किया, अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसे भी आतंकवादी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। पठानकोट में सैन्य क्षेत्र त्रिवेणी द्वार पर 21 नवंबर की रात बाइक सवार अज्ञात लोगों ने ग्रेनेड से हमला किया। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। घटना के बाद पूरे जिले में हाईअलर्ट कर दिया गया है। पठानकोर्ट के SSP सुरेंद्र लांबा ने बताया कि प्रथम दृष्टया पता चला है कि यहां ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ है। आगे जांच जारी है। बताया जा रहा है कि एक मोटरसाइकिल गुजरी, उसी समय ब्लास्ट हुआ है। पुलिस को कुछ CCTV फुटेज हाथ लगे हैं।

मोटरसाइकिल से आए थे हमलावर
पुलिस के मुताबिक, रविवार रात करीब 1 बजे पठानकोट के काठवाला पुल से धीरा जाने वाले रास्ते में सेना के कैम्प के त्रिवेणी द्वार पर वहां से गुजरे अज्ञात बाइक सवारों ने यह ग्रेनेड फेंका। उस वक्त ड्यूटी पर तैनात जवान कुछ दूरी पर थे, इसलिए किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हमले की जानकारी लगते ही SSP पठानकोट सुरेंद्र लांबा सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और सैन्य इलाके में लगे CCTV छानना शुरू कर दिए। पुलिस को CCTV से कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। माना जा रहा है कि जल्द हमलावर पकड़ लिए जाएंगे।

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ग्रेनेड फेंककर गायब हो गए हमलावर
ग्रेनेड फेंकने के बाद बाइक सवाल हमलावर वहां से गायब हो गए। वे किस दिशा में भागे पुलिस को तब पता नहीं चल पाया। हमले के बाद पूरे जिले में हाईअलर्ट जारी किया गया है। नाकों पर सघन चैंकिंग जारी है। जगह-जगह सर्चिंग की जा रही है।

लगातार आतंकवादी मारे जा रहे हैं
जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करने सुरक्षाबल लगातार एनकाउंटर कर रहे हैं। 20 नंवबर को सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था। यह मुठभेड़ कुलगाम में हुई थी। मारे गए आतंकवादी की पहचान मालवान कुलगाम के मुदासिर जमाल वागे(Mudasir Jamal Wagay) के रूप में हुई थी।

इससे पहले पांच आतंकवादी मारे गए थे
इससे पहले बुधवार को सुरक्षाबलों ने 5 आतंकवादियों को एनकाउंटर किया था। इनमें असफाक अहमद भी शामिल था। असफाक लश्कर के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) का कमांडर था।  TRF इस समय घाटी में सक्रिय है। पिछले दिनों इसने कई घटनाओं को अंजाम दिया। एनकाउंटर में मारे गए अन्य आतंकवादियों में 2 TRF और 2 हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर थे। सुरक्षाबलों को इनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए।

हैदरपोरा एनकाउंटर को लेकर हुआ था विवाद
वहीं, 15 नवंबर को हैदरपोरा मुठभेड़ में दो लोगों की मौत हुई थी। इसे लेकर केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। विपक्षी पार्टियां इसकी न्यायिक जांच कराए जाने की मांग कर रही थीं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ हैदरपोरा मुठभेड़ में नागरिकों की कथित हत्या के खिलाफ बुधवार को जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद  उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने इस मुठभेड़ की मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। सिन्हा ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए यह भी कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि मामले में कोई अन्याय न हो। 


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