जम्मू कश्मीर में पहली बार डिस्टिक डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव (डीडीसी चुनाव) हुए। इन चुनावों में गुपकार गठबंधन को 112 सीटें मिलीं। भाजपा ने 75 सीटों पर जीत हासिल की। नेशनल कांफ्रेंस को 67 सीट, पीडीपी को 27 और कांग्रेस को 26, अपनी पार्टी को 12 सीटें मिलीं।
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में पहली बार डिस्टिक डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव (डीडीसी चुनाव) हुए। इन चुनावों में गुपकार गठबंधन को 112 सीटें मिलीं। भाजपा ने 75 सीटों पर जीत हासिल की। नेशनल कांफ्रेंस को 67 सीट, पीडीपी को 27 और कांग्रेस को 26, अपनी पार्टी को 12 सीटें मिलीं। जबकि 49 निर्दलियों ने भी इस चुनाव में जीत हासिल की। आईए जानते हैं चुनाव के बारे में कुछ ऐसे फैक्ट्स जो बताते हैं कि इस चुनाव में भाजपा का डंका बजा है....
डीडीसी चुनाव नतीजे : जानिए फैक्ट्स
1- जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के बाद यह पहला चुनाव था। इस चुनाव में भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी है।
2- केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इस चुनाव में बुरहान वानी के गांव में भी गुपकार गठबंधन के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा।
3- जम्मू में भाजपा को 72 सीटों पर जीत मिली।
4- पहली बार भाजपा का कश्मीर में खाता खुला। पार्टी ने कश्मीर में 3 सीटें जीतीं।
5- यह पहली बार होगा जब जम्मू-कश्मीर के निर्वाचित स्थानीय प्रतिनिधि पहली बार भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेंगे।
6- भाजपा को इस चुनाव में 487364 वोट मिले। यह पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस तीनों को मिले (477685 वोट) से ज्यादा है।
7- इस चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 38.74% है और गुपकार गठबंधन का कुल वोट 32.96% है।
8- अलगाववादी और आतंकवादी लगातार चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी देते रहे हैं। इन सबके बावजूद कश्मीर में बड़ी संख्या में लोग वोट देने निकले।
कुलगाम में 78.9% वोट पड़ा, शोपियां में 70.5% वोट पड़ा, पुलवामा जहां पर जनता निकलती नहीं थी वहां पर 7.4% वोटिंग दर्ज की गई। जहां 2018 के पंचायती चुनाव में 1.1% वोट पड़े थे। जम्मू कश्मीर में इन चुनावों में कुल 51% वोट पड़े।
9- भाजपा के अलावा इस चुनाव में 49 निर्दलीय और अपनी पार्टी के 12 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर को भाजपा का समर्थन है।
10- श्रीनगर की बात करें तो यहां 7 सीटें निर्दलीय जीते हैं, तीन सीटों पर अपनी पार्टी जीती है। अपनी पार्टी को भाजपा की प्रॉक्सी पार्टी कहा जाता है। वहीं, एक एक सीटें पीडीपी, एनसी, भाजपा और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट जीती है। वहीं, जीतने वाले कुछ निर्दलीयों को भाजपा ने समर्थन दिया था। ऐसे में श्रीनगर में देखा जाए तो भाजपा का पलड़ा गुपकार गठबंधन से भारी है।