Ganderbal terrorist attack updates: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद लगातार अपना पांव पसारता जा रहा है। एक बार फिर केंद्र शासित राज्य में एक नए आतंकी संगठन ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी तक इस संगठन ने आधिकारिक रूप से किसी गतिविधि का संचालन नहीं किया है। लेकिन खुफिया सूत्रों की मानें तो नया आतंकी संगठन, कश्मीरी युवाओं को रिक्रूट कर दहशतगर्दी में धकेलने का फुलप्रूफ प्लान तैयार कर उस पर अमल भी कर रहा। लश्कर-ए-तैयबा का एक ही ब्रांच तहरीक-ए-लब्बैक यहां तैयार हो रहा है।
पुलिस व सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, तहरीक-ए-लब्बैक को पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा है। फंड और हथियार उसे पाकिस्तान में बैठे हैंडलर बाबा हमास के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। पुलिस की मानें तो यह लश्कर-ए-तैयबा का ही ग्रुप है।
सूत्रों के अनुसार, गांदरबल में आतंकी हमले में तहरीक-ए-लब्बैक के भी शामिल होने की आशंका है। हालांकि, इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर के ही संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ ने ली है। इस हमले में डॉक्टर, आर्किटेक्ट सहित सात लोगों की जान चली गई थी। चश्मदीदों के अनुसार, आतंकवादी शॉल ओढ़े आए थे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर निकल गए।
कश्मीर घाटी में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद फिर बढ़ा
पिछले एक-दो साल में कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियां बढ़ी है। आलम यह कि जम्मू का डोडा जिला जिसे आतंकवाद मुक्त कर लिया गया था वहां भी आतंकियों ने हमले कर बीते महीनों में कत्लेआम मचाया था। कश्मीर घाटी में आतंकवादी हमले और जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, उधमपुर और रियासी में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी दर्ज की गई है। केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और नागरिकों पर कई बड़े हमले हुए।
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