राजौरी में लगातार दो दिन 1-2 जनवरी को हुए आतंकी हमले के विरोध में अल्पसंख्यकों में बढ़ते गुस्से के बीच संकेत हैं कि सेना और पुलिस किसी बड़े ऑपरेशन में जुटी है। यह बात जम्मू कश्मीर के भाजपा नेता रविंद्र रैना ने पीड़ितों से मुलाकात के दौरान कही।
राजौरी(Rajouri). राजौरी में लगातार दो दिन 1-2 जनवरी को हुए आतंकी हमले के विरोध में अल्पसंख्यकों(कश्मीर पंडितों और गैर मुस्लिम) में बढ़ते गुस्से के बीच संकेत हैं कि सेना और पुलिस किसी बड़े ऑपरेशन में जुटी है। यह बात जम्मू कश्मीर के भाजपा नेता रविंद्र रैना (Ravindra Raina) ने पीड़ितों से मुलाकात के दौरान कही। इस बीच आतंकवादियों का सुराग देने वाले को 10 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया गया है। पढ़िए डिटेल्स...
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राजौरी हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में जानकारी शेयर करने के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। बता दें कि राजौरी में रविवार शाम को आतंकवादियों ने लोगों को घर से निकालकर गोली मार दी थी। इसमें 6 लोग मारे गए थे। दूसरा हमला डांगरी गांव में अगले दिन हुआ था, जब लोग राजौरी घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। यहां आईडी ब्लास्ट में 2 मासूम बच्चे मारे गए थे।
एक अधिकारी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में कोई विशेष जानकारी शेयर करता है, तो उसे 10 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुखबिर का विवरण गुप्त रखा जाएगा। इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक विशेष टीम भी डांगरी गांव में क्राइम सीन पर पहुंची।
गौरतलब है कि रविवार शाम डांगरी गांव में संदिग्ध आतंकवादियों के हमले में चार नागरिकों की मौत हो गई थी, जबकि छह अन्य घायल हो गए थे। अगली सुबह, डांगरी गांव में मारे गए नागरिकों में से एक के घर में एक अज्ञात आईईडी विस्फोट के बाद दो नाबालिग बच्चों की भी मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए।
हमले ने स्थानीय लोगों में दहशत और भय पैदा कर दिया है, जबकि सुरक्षा एजेंसियां हमले के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। सोमवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी स्थिति की समीक्षा करने और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए डांगरी गांव पहुंचे थे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सुरक्षा एजेंसियां घटना की तह तक जाएंगी और पीड़ित परिवारों को न्याय सुनिश्चित करेंगी।
अगस्त 2019 से नजरबंद मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) ने मंगलवार को राजौरी जिले में नागरिकों की हत्या की निंदा करते हुए चिंता व्यक्त की। एपीएचसी ने एक बयान में कहा कि वह सैद्धांतिक रूप से सभी तरह की हत्याओं और हिंसा के खिलाफ है। मृतकों के परिवारों और राजौरी के लोगों के साथ सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त करते हुए, APHC ने कहा कि यह उनके दुख को शेयर करता है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता है।
उन्होंने कहा-“जम्मू और कश्मीर में मानव जीवन की अंधाधुंध और अपूरणीय क्षति इस क्षेत्र की त्रासदी है, जिसे हम पिछले तीन दशकों से अधिक समय से देख रहे हैं। इस भंवर को तोड़ने और मूल कारण को हल करने के लिए, हुर्रियत ने हमेशा हितधारकों के बीच संवाद की वकालत की है।”
एपीएचसी ने कहा, "एकतरफा फैसले और कार्रवाइयां न तो संघर्ष को पूर्ववत कर सकती हैं और न ही इसे समाप्त कर सकती हैं।"
टारगेट किलिंग (Target Killing) के बाद एलजी मनोज सिन्हाएलजी मनोज सिन्हा (J&K LG Manoj Sinha) और जम्मू कश्मीर के भाजपा नेता रविंद्र रैना (Ravindra Raina) पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इसका एक वीडियो जब शेयर किया गया, तो फिल्ममेकर अशोक पंडित भड़क उठे। उन्होंने tweet किया कि हिंदुओं की लाशों पर आप सूद कमाते रहिए। दरअसल, रैना ने tweet किया था कि डांगरी आतंकी हमले का सूद समेत बदला लेंगे।
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