15 साल की छात्रा ने स्टडी रूम में फांसी क्यों लगाई? सुसाइड नोट में प्रींसिपल का नाम क्यों?

Published : Nov 25, 2025, 06:57 AM IST
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सार

छत्तीसगढ़ के जशपुर में 15 साल की छात्रा ने प्राइवेट स्कूल के स्टडी रूम में फांसी…पीछे छुपा कौन-सा डर? सुसाइड नोट में प्रिंसिपल पर छेड़छाड़ और हैरेसमेंट का आरोप। अवैध हॉस्टल, बंद दरवाज़ों के पीछे क्या होता था? सच क्या है-जांच में क्या निकलकर आएगा?

Chhattisgarh School Crime News: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां 15 साल की एक छात्रा ने प्राइवेट स्कूल के स्टडी रूम में साड़ी से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यह वही जगह थी, जहां रोज़ बच्चे पढ़ाई करने जाते थे, लेकिन इस बार वहीं से मौत की ख़बर ने पूरे कालेज में सनसनी फैला दी। बताया जा रहा है कि छात्रा 9वीं क्लास में पढ़ती थी और पास के ही गांव में बने स्कूल कैंपस के हॉस्टल में रह रही थी।

साड़ी का फंदा लगाकर दी जान, प्रिंसिपल गिरफ्तार

रविवार शाम 9वीं कक्षा की छात्रा ने कथित तौर पर साड़ी से फंदा बनाकर छत की रॉड से लटककर खुदकुशी कर ली। जशपुर के एसएसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि घटना बगीचा थाना क्षेत्र के एक गांव स्थित स्कूल में हुई। मृतका मूल रूप से सरगुजा जिले के सीतापुर इलाके की रहने वाली थी। सुसाइड नोट मिलने के बाद आरोपी प्रिंसिपल कुलदीपन टोपनो को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

स्कूल का हॉस्टल अवैध-जांच में खुलासा

घटना के बाद एजुकेशन, ट्राइबल और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया। प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ कि स्कूल परिसर में चल रहा हॉस्टल पूरी तरह अवैध था और इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। ट्राइबल विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर संजय सिंह ने बताया कि स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक कुल 124 विद्यार्थी पढ़ते हैं, जिनमें 22 लड़के और 11 लड़कियां हॉस्टल में रह रही थीं।

आत्महत्या के बाद सवालों के घेरे में सरकारी महकमा

मामला इतना सीधा भी नहीं है, क्योंकि मौके से मिला सुसाइड नोट पूरी कहानी को और रहस्यमय बना देता है। छात्रा ने अपने आखिरी पत्र में सीधे-सीधे स्कूल के प्रिंसिपल कुलदीपन टोपनो पर छेड़छाड़ और सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए हैं। यह पढ़कर हर कोई सन्न है कि जिस इंसान पर बच्चों की सुरक्षा और भविष्य की जिम्मेदारी होती है, उसी पर इस तरह के आरोप लग रहे हैं। ये सवाल भी उठ रहा है कि अगर हॉस्टल बिना इजाज़त के चल रहा था, तो अब तक किसी अधिकारी की नज़र इस पर कैसे नहीं पड़ी? क्या कभी स्कूल या हॉस्टल का नियमित निरीक्षण हुआ? क्या कभी किसी ने बच्चों से अकेले में बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं? या फिर सब कुछ कागज़ों में ही ठीक-ठाक दिखाकर फाइलें बंद कर दी गईं? मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

पुलिस जांच जारी

पुलिस का कहना है कि छात्रा ने साड़ी का इस्तेमाल करके छत की रॉड से फांसी लगाई। मामले में छात्रा के परिवार का बयान, स्कूल स्टाफ की भूमिका, CCTV फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों की जांच की जा रही है।

 

Disclaimer: आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। अगर आपके मन में भी सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हैं तो आप फौरन घर-परिवार, दोस्तों और साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। आसरा (मुंबई) 022-27546669, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)। स्पंदन (मध्य प्रदेश) 9630899002, 7389366696, संजीवनी: 0761-2626622, TeleMANAS 1-8008914416/14416, जीवन आधार: 1800-233-1250.

वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: 9999666555 , ISS iCall: 022-25521111, मानसिक तनाव होने पर काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800 8914416 पर संपर्क कर घर बैठे मदद पा सकते हैं।

 

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