नदी से एक बार में निकल सकता था सिर्फ 1 जवान...गलवान में जख्मी हुए जवान ने बताया उस रात क्या हुआ था?

Published : Jun 18, 2020, 07:12 PM ISTUpdated : Jun 18, 2020, 07:24 PM IST
नदी से एक बार में निकल सकता था सिर्फ 1 जवान...गलवान में जख्मी हुए जवान ने बताया उस रात क्या हुआ था?

सार

लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। चीनी सैनिकों के हमले में जवान सुरेंद्र सिंह भी घायल हुए थे। उन्हें लद्दाख के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें 12 घंटे बाद होश आया। 

नई दिल्ली. लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। चीनी सैनिकों के हमले में जवान सुरेंद्र सिंह भी घायल हुए थे। उन्हें लद्दाख के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें 12 घंटे बाद होश आया। सुरेंद्र सिंह ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे सिर्फ 200-250 भारतीयों पर 1000 चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया था। 

सुरेंद्र सिंह ने बताया, चीनी सैनिकों ने गलवान नदी के पास धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। उन्होंने बताया कि 4-5 घंटे तक दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह संघर्ष चलता रहा। उन्होंने बताया कि भारत की तुलना में चीन के करीब 4-5 गुना सैनिक थे। 

साजिश के तहत किया हमला
उन्होंने बताया कि गलवान घाटी की नदी के ठंडे पानी के बीच यह झड़प हुई। नदी में हमारे पास एक बार में सिर्फ 1 शख्स के निकलने की जगह थी। इसलिए भारतीयों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। उन्होंने कहा, हम चीनी सैनिकों को और भी अच्छा सबक सिखा सकते थे, लेकिन चीन ने साजिश के तहत धोखे से हमला किया। 

5 फीट गहरे पानी में हो रहा था संघर्ष
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अब वे ठीक हैं। उनके हाथ में फैक्टर है। सिर में एक दर्जन टांके लगे हैं। उन्होंने बताया कि 5 फीट गहरे पानी में 5 घंटे तक यह झड़प हुई. इस दौरान उनके सिर पर चोट लगने से वे बेहोश हो गए। बाद में उनके साथियों ने उन्हें निकाला। इस दौरान उनके दस्तावेज और मोबाइल भी नदी में बह गया। 




सुरेंद्र सिंह राजस्थान के अलवर में नौगांवा गांव के रहने वाले हैं। उनसे बात होने के बाद ही परिवार को शांति मिली है। उनका परिवार गांव में रहता है। जबकि वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलवर के सूर्य नगर में रहते हैं।

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