JNU में रविवार को हुए हिंसा के खिलाफ स्टूडेंट्स और टीचर एसोसिएशन आज मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला। जिसमें छात्रों की मांग है कि JNU वीसी को पद से हटाया जाए। इसके बाद छात्रों के प्रतिनिधि मंडल HRD मंत्रालय पहुंचा। जहां स्थितियों को लेकर चर्चा की गई।
नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार को हुए हिंसा के खिलाफ छात्रों और टीचर्स ने पैदल मार्च निकाला। छात्रों द्वारा निकाले जा रहे मार्च को दिल्ली पुलिस की ओर से इजाजत नहीं मिली। बावजूद इसके छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़क पर है। छात्रों की मांग है कि JNU वीसी को पद से हटाया जाए।
मुलाकात के लिए पहुंचे मंत्रालय
मार्च निकाल रहे छात्रों में से 8 छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंचा। जहां, अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने जिम्मेदारों से मुलाकत की। इस प्रतिनिधि मंडल में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत अन्य छात्र शामिल हैं।
बसों में भर कर ले जाए गए छात्र
दिल्ली पुलिस ने JNU छात्रों को JNU कैंपस से मंडी हाउस तक मार्च की इजाजत नहीं दी। बावजूद इसके छात्र पैदल मार्च निकालने की मांग पर अड़े थे। जिसके बाद पुलिस ने कुछ छात्रों को बस में बैठाकर मंडी हाउस तक ले गई। बताया जा रहा कि पुलिस ने 10 बसों में बैठाकर छात्रों को ले गई।
वीसी को हटाने की मांग
स्टूडेंट्स और टीचर एसोसिएशन आज मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाल रहे हैं। जिसमें छात्रों की मांग है कि वीसी को पद से हटाया जाए। इसी के साथ जेएनयू में रजिस्ट्रेशन दोबारा शुरू हो गया है। वहीं, पुलिस ने JNU कैंपस के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है।
कैंपस पहुंची जांच टीम
रविवार को हुए हिंसा के बाद से मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम आज फिर JNU कैंपस पहुंची है। यहां पर एडमिन ब्लॉक में क्राइम ब्रांच ने अपना कैंप बनाया हुआ है। जहां पूरे मामले की जांच की जा रही है। इन सब के इतर घटना को अंजाम देने वाले सभी आरोपी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं।
दिल्ली पुलिस की छात्रों से अपील
मार्च निकालने वाले छात्रों से दिल्ली पुलिस ने अपील की है कि वह बस में बैठकर मंडी हाउस तक चलें, लेकिन मार्च ना निकालें। बताया जा रहा कि दिल्ली पुलिस सभी छात्रों को बस में बैठाकर मंडी हाउस ले गई है।
5 जनवरी को हुई थी हिंसा
बीते 5 जनवरी को जेएनयू कैंपस में हिंसा हुई थी। जिसमें लाठी, डंडे और रॉड से लैस नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों और शिक्षकों से मारपीट की थी। इस दौरान जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 20 से अधिक छात्र घायल हो गए थे। दरअसल, सर्वर रूम को लेकर छात्रों के बीच विवाद हुआ था। जिसमें बताया जा रहा कि कुछ छात्र बढ़ी हुई फीस का विरोध कर रहे थे। लेकिन कुछ छात्र रजिस्ट्रेशन कर रहे थे। जिसके बाद विरोध कर रहे छात्रों ने रजिस्ट्रेशन में बाधा डालते हुए सर्वर रूम लॉक कर दिया था। जिसके बाद से छात्रों के गुटों में झड़प हुई थी। जिसने शाम होते-होते हिंसा का रूप ले लिया था।