बाइडेन, जिनपिंग से लेकर मोदी तक, जानिए कैसा है दुनिया के 3 सबसे ताकतवर शख्स का अपनी मां के साथ रिश्ता

हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस बार यह 9 मई को मनाया जा रहा है। मदर्स डे का दिन माताओं के लिए समर्पित होता है। वैसे तो मां की ममता और प्यार किसी दिन की मोहताज नहीं। लेकिन मां के संघर्ष और ममता को सम्मान देने के लिए आज का दिन यानी मदर्स डे बनाया गया है।

Asianet News Hindi | Published : May 8, 2021 5:34 PM IST / Updated: Feb 02 2022, 09:44 AM IST

नई दिल्ली. हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस बार यह 9 मई को मनाया जा रहा है। मदर्स डे का दिन माताओं के लिए समर्पित होता है। वैसे तो मां की ममता और प्यार किसी दिन की मोहताज नहीं। लेकिन मां के संघर्ष और ममता को सम्मान देने के लिए आज का दिन यानी मदर्स डे बनाया गया है। ऐसे में हम आपको भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन तक दुनिया के 3 सबसे ताकतवर नेताओं और उनकी मां के बीच रिश्ते के बारे में बता रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि आखिर दुनिया में सबसे ताकतवर इन नेताओं की मां क्या करती हैं और उनके बेटों से उनके कैसे रिश्ते हैं....

पीएम मोदी की मां ने दूसरों के घर पर धोए बर्तन
हर मां बेटे की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन का रिश्ता खास है। पीएम मोदी को जब भी मौका मिलता है, वे अपनी मां से मिलने घर पहुंच जाते हैं। पीएम मोदी गरीब घर से आते हैं। वे कभी अपनी मां हीराबेन के संघर्ष का जिक्र करना नहीं भूलते। अपने 6 बच्चों को पालने के लिए हीराबेन ने दूसरों के घर पर काम किया। दूसरों के घर पर बर्तन कपड़े थोए। उन्होंने खुद कष्ट झेलकर अपने बच्चों को पाला। इसका जिक्र पीएम मोदी ने खुद किया था।


मां के साथ पीएम मोदी।

पीएम मोदी ने अमेरिका दौरे पर फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जकरबर्ग के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने अपनी मां के संघर्ष का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने बताया था, मेरे पिताजी तो रहे नहीं थे। जब हम छोटे थे तब हमारा गुजारा करने और पेट भरने के लिए वे पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती थीं। घरों में पानी भरती थीं। इतना कहकर पीएम मोदी भावुक हो गए थे। इस क्षण को देख देश के करोड़ों लोगों की आंखे नम हो गई थीं।

क्रांतिकारी रही हैं जिनपिंग की मां
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मां का नाम छी शिन है। वे 94 साल की हैं। पिछले साल मदर्स डे पर चीन की मीडिया में जिनपिंग की मां के लिए खास प्रोग्राम प्रसारित किए गए थे। इस दौरान टीवी चैनल्स ने जिनपिंग और उनकी मां की टेलीफोन पर बातचीत की पुरानी क्लिपिंग भी दिखाई थी। जिनपिंग 2015 में मदर्स डे पर मां पर लिखी एक कविता पढ़ कर भावुक हो गए थे। 


शी जिनपिंग की मां 94 साल की हैं। 

छी शिन हमेशा यही चाहती थीं कि उनका बेटा यानी शी चिनपिंग देश और जनता के प्रति ज्यादा उत्तरदायित्व और जिम्मेदारी निभाए। इतना ही नहीं छी खुद क्रांतिकारी रही हैं। उन्होंने सैन्य शिक्षा हासिल की है। उनके पति  शी चोंगश्वुन देश के बडे़ नेता थे, इसके बावजूद जिनपिंग की मां मेशा साधारण जीवन जीने की आदी रही हैं। उन्होंने कभी कोई विशेषाधिकार का लाभ नहीं उठाया। इतना ही नहीं छिन अब भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्य हैं। वे अभी भी पार्टी की सदस्यता फीस देती हैं। 

कौन थीं जो बाइडेन की मां?
जो बाइडेन 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए। जो बाइडेन अक्सर अपने माता-पिता का हवाला देते हैं, खासकर अपनी मां का, जिनका उनके जीवन पर काफी प्रभाव रहा है। जो बाइडेन की मां कैथरीन जीन का जन्म 1917 में हुआ था। उन्होंने 1941 में जो बाइडेन सीनियर यानी बाइडेन के पिता से शादी की। बाइडेन के राजनीतिक जीवन में उनकी मां का काफी योगदान है। यही वजह है कि 2010 में मां कैथरीन के निधन के बाद भी बाइडेन को यह कहता हुआ सुना जाता है कि उनकी मां का निधन 2010 में हो गया था, लेकिन वे उनकी दिमाग और राजनीतिक विचारों में जिंदा हैं। 


अपनी मां के साथ जो बाइडेन।

जो बिडेन, पूर्व उपराष्ट्रपति और 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार, अक्सर अपने माता-पिता का हवाला देते हैं, खासतौर पर उनकी मां, उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं।

क्यों मनाया जाता है मदर्स डे : मदर्स डे मनाने को लेकर अलग अलग धारणाएं हैं। यही वजह है कि पूरी दुनिया में इस खास दिन के लिए एक तारीख तय नहीं है। हालांकि, मुख्य तौर पर मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से मानी जाती है। यहां एना जार्विस ने 1912 में अपनी मां के निधन के बाद इस दिन को मनाया था। तभी से मदर्स डे की शुरुआत मानी जाती है। वहीं, बोलविया में 27 मई को स्पेन की सेना ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वाली महिलाओं की हत्या की थी। इसी वजह से यहां मदर्स डे मनाया जाता है। 

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