जम्मू-कश्मीर के कुछ पत्रकारों को आतंकवादी संगठनों से ऑनलाइन धमकी मिलने के बाद पुलिस ने गुरुवार को तीन जिलों में कई स्थानों पर छापेमारी की है। श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया, 'ऑनलाइन पत्रकार धमकी' मामले में श्रीनगर, बडगाम और पुलवामा जिलों में कई स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के कुछ पत्रकारों को आतंकवादी संगठनों से ऑनलाइन धमकी मिलने के बाद पुलिस ने गुरुवार को तीन जिलों में कई स्थानों पर छापेमारी की है। श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया, 'ऑनलाइन पत्रकार धमकी' मामले में श्रीनगर, बडगाम और पुलवामा जिलों में कई स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। इसमें कहा गया है कि इसी मामले में कुछ दिन पहले इसी तरह की सर्चिंग के दौरान मिले सुराग के बाद यह छापेमारी की जा रही है। बता दें कि आतंकी संगठनों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक ऑनलाइन पेज 'कश्मीरफाइट' ने पत्रकारों की एक हिटलिस्ट जारी की थी, जिसमें उन पर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया गया था। इन धमकियों के बाद पांच स्थानीय पत्रकारों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
इससे पहले 19 नवंबर को श्रीनगर पुलिस ने पूरे कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर एक साथ तलाशी ली थी। अब चार से पांच सदस्यों वाली पुलिस टीम ने घाटी में 12 स्थानों पर एक साथ तलाशी ली, जिसमें सज्जाद गुल, मुख्तार बाबा जैसे भगोड़े और आतंकी संगठन लश्कर (TRF) के सक्रिय आतंकवादियों सहित अन्य संदिग्धों के श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम स्थित जिलों में उनके घरों की तलाशी ली गई है। पुलिस के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादी संचालकों, सक्रिय आतंकवादियों और आतंकवादी सहयोगियों और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ शेरघरी पुलिस स्टेशन में इस मामले में FIT दर्ज की गई थी।
अब जिन परिसरों पर छापा मारा गया और तलाशी ली गई, वे निगीन में मोहम्मद रफी, अनंतनाग में खालिद गुल, लाल बाजार में राशिद मकबूल, ईदगाह में मोमिन गुलजार, कुलगाम में बासित डार, रैनावारी में सज्जाद क्रालियारी, सौरा में गौहर गिलानी, अनंतनाग में काजी शिबली, एचएमटी श्रीनगर में सज्जाद शेख उर्फ सज्जाद गुल, नौगाम में मुख्तार बाबा, रावलपोरा में वसीम खालिद और खानयार श्रीनगर में आदिल पंडित शामिल हैं।
पिछले दिनों एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया( The Editors Guild of India) ने संदिग्ध आतंकवादी संगठनों द्वारा कश्मीर में काम करने वाले पत्रकारों को हाल ही में दी गई धमकियों और संबंधित मीडिया संस्थानों से पांच मीडियाकर्मियों के इस्तीफे पर 'गहरी चिंता' जताई थी। गिल्ड ने यहां एक बयान में कहा, "कश्मीर में पत्रकार अब खुद को राज्य के अधिकारियों के साथ-साथ आतंकवादियों के निशाने पर पाते हैं। यह 1990 के दशक के आतंकवाद की याद दिलाता है।" आतंकवादी समूहों ने एक बार फिर मीडिया हाउसों का नाम लिया है और चेतावनी दी है कि राइजिंग कश्मीर और ग्रेटर कश्मीर सहित जाने-माने क्षेत्रीय अखबारों से जुड़े लोगों को देशद्रोही घोषित कर दिया जाएगा और उनकी टाइमलाइन सील कर दी जाएगी।
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