मन की बात: फैन्स ने जेपी नड्डा को लिखा इमोशनल लेटर, कहा- प्रोग्राम में जिनका नाम आए उन्हें सम्मानित करें

जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकप्रिय मन की बात के संदर्भ में लगातार मुझे कई पत्र प्राप्त होते हैं।  मन की बात को घर-घर में ऐसे सुना जाता है जैसे घर के अपने बड़ों से हल्की-फुल्की बातें की जाती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 26, 2021 12:50 PM IST / Updated: Jun 26 2021, 06:39 PM IST

नई दिल्ली. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर महीने प्रसारित होने वाले रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" को हर घर में बुजुर्ग कैजुअल डिसक्शन की तरह सुना जाता है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वो अपने बूथ के सहकर्मियों के साथ कार्यक्रम सुनें। बता दें कि रविवार 27 जून को पीएम मोदी रेडियो पर मन की बात करेंगे।

 

जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकप्रिय मन की बात के संदर्भ में लगातार मुझे कई पत्र प्राप्त होते हैं।  मन की बात को घर-घर में ऐसे सुना जाता है जैसे घर के अपने बड़ों से हल्की-फुल्की बातें की जाती हैं। इसी श्रृंखला में बांदा के आनंद स्वरूप जी का बहुत ही भावनात्मक पत्र प्राप्त हुआ। आनंद स्वरूप जी ने अपने पत्र में अनेकों सराहनीय सुझाव दिए हैं।

मैं भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि हर महीने अपने बूथ के सभी साथियों के साथ किसी एक साथी के घर “मन की बात” को सुने और उसके पश्चात वहीं पर बूथ की बैठक करें, फिर अगले महीने अगले साथी के घर पर।

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बता दें कि "मन की बात" राष्ट्र के लिए प्रधानमंत्री का हर महीने रेडियो संबोधन होता है। इसे हर महीने के लास्ट रविवार को प्रसारित किया जाता है। यह कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है और आकाशवाणी समाचार वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर भी प्रसारित किया जाता है।


क्या लिखा लेटर में
आनंद स्वरूप ने जेपी नड्डा को लिखे लेटर में कहा-  मन की बात को मैं लगातार सुन रहा हूं। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी जो उदाहरण देते हैं वो प्रेरणास्त्रोत हैं। मन की बात में पीएम जिनका जिक्र करते हैं उनका सम्मान करना चाहिए। 25 अप्रैल को प्रसारित कार्यक्रम में कोरोना महामारी के समय हम सब धैर्य और दुख सहन करने की सीमा की परीक्षा के बीच जब इस महामारी ने सबको झझकोर दिया था इसको लेकर चिंता, सक्रियता और अलग-अलग विषय के एक्सपर्ट के साथ आपकी लंबी चर्चा आपकी संवेदनशीलता एवं कर्तव्य को दर्शाता है। 

 

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