नेशनल न्यूज। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जमीन घोटाले के मामले में बुरा फंसे हैं। सीएम के खिलाफ राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले के संबंध में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए मंजूरी दे दी है। जमीन घोटाले को लेकर एक आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत की थी। मख्यमंत्री पर जमीन आवंटन में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। उन पर अपनी पत्नी के खिलाफ संपत्ति का खुलासा न करने का भी आरोप लगाया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के बाद अब कर्नाटक के सीएम के सामने भी मुश्किल खड़ी हो गई है।
मुडा संबंधी गंभीर आरोप लगे सीएम पर
सीएम सिद्धारमैया पर मुडा में 50:50 योजना के अंतर्गत किए गए जमीन आवंटन मामले में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि सीएम ने पत्नी के नाम मुडा की योजना के जरिए जमीन आवंटित कर लाभ पहुंचाया है। हालांकि सिद्धारमैया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। यह भी कहा है सीएम रहने के दौरान मुडा मामले में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं था।
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क्या है मुडा योजना जिसमें फंसे कर्नाटक सीएम
मैसूर शहरी विकास प्राधिकारण (MUDA) की ओर से 2009 में 50:50 योजना चलाई गई थी। इसमें जिन लोगों को भूमि को अधिग्रहीत किया जाएगा उन्हें उसकी कुल जमीन का 50 फीसदी विकसित क्षेत्र में प्लॉट प्रदान किया जाएगा। सीएम की पत्नी पार्वती की तीन एकड़ जमीन को मुडा अधिगृहीत कर बदले में 14 प्लॉट दिए। आरोप है कि मुडा ने सीएम की पत्नी को प्लाट भी दे दिए और जमीन अधिग्रहीत किए बिना ही तीसरे फेज की योजना विकसित कर दी।
घोटाले से राज्य को 45 करोड़ का नुकसान
शिकायतकर्ताओं ने मुडा मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। आरटीआई के तहत शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि मुडा की योजना में जमीन आवंटन के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है। इससे राज्य को भी 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायत में सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, बेटे और मुडा के कमिश्नर के खिलाफ केस चलाने की मांग की गई थी।