Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2022 5:53 AM IST / Updated: Feb 10 2022, 05:05 PM IST

Hijab Row Live updates : HC का फैसला आने तक स्कूल- कॉलेजों में धार्मिक परिधान पहनने पर रोक, 14 को अगली सुनवाई

सार

कर्नाटक का हिजाब मामला अब हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच के सामने है। आज दोपहर 2:30 से बजे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की तीन सदस्यीय बेंच में हो रही है। सरकार और छात्राओं के वकीलों के बीच बहस जारी है। शाम 5 बजे तक चली दलीलों के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक मामले में फैसला नहीं आता है तब तक स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक परिधान पहनने की छूट नहीं होगी। अगली सुनवाई सोमवार 14 फरवरी को होगी। 

06:12 PM (IST) Feb 10

कुछ दिनों के लिए आस्था को रोका नहीं जा सकता : हेगड़े

चीफ जस्टिस की बात पर वकील हेगड़े ने कहा- लेकिन कुछ दिनों के लिए हमारी आस्था को रोका नहीं जा सकता। इस पर चीफ जस्टिस बोले- हम सुनवाई चलने तक सभी के धार्मिक प्रतीक पहनने पर रोक लगा रहे हैं। इस पर वकील ने विरोध जताया। बता दें कि इस मामले की सुनवाई अब सोमवार दोपहर 2.30 बजे होगी।

06:09 PM (IST) Feb 10

फैसला आने तक कोई न पहने अपनी धार्मिक पोशाक :

इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस मामले में स्कूल-कॉलेज खोलने का आदेश जारी करेंगे, लेकिन जब तक इस मामले की सुनवाई जारी रहती है, तब तक किसी स्टूडेंट को धार्मिक कपड़े पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए। यह कुछ दिनों का मामला है, लेकिन जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक कोई भी अपनी धार्मिक पोशाक न पहने।

06:06 PM (IST) Feb 10

हेगड़े ने कोर्ट से की अंतरिम आदेश देने की अपील :

सुनवाई के दौरान वकील हेगड़े ने कोर्ट से अपील की कि वो अंतिरम आदेश दे ताकि याचिका लगाने वाली लड़कियों को राहत मिल सके और वे इस सेशन में बचे हुए 3 महीनों के दौरान कॉलेज अटेंड कर सकें।

06:03 PM (IST) Feb 10

वकील हेगड़े ने दिया पुत्तास्वामी केस का रिफरेंस :

गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने आपकी इस बात को समझ लिया है कि कर्नाटक एजुकेशन एक्ट में यूनिफॉर्म के नियम का उल्लंघन करने पर दंड का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बाद वकील हेगड़े ने प्राइवेसी को लेकर पुत्तास्वामी केस में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का रेफरेंस दिया। इसके बाद उन्होंने केरल हाईकोर्ट के जजमेंट का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि हिजाब एक जरूरी धार्मिक प्रतीक है।

05:56 PM (IST) Feb 10

संजय हेगड़े ने सरकार के कदम पर उठाए सवाल :

सुनवाई के दौरान वकील संजय हेगड़े ने सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए कहा- 1983 के कर्नाटक एजुकेशन ऐक्ट में ड्रेस या यूनिफॉर्म के बारे में कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं। अपने यूनिवर्सिटी के दिनों को याद करते हुए हेगड़े ने कहा कि तब भी कोई यूनिफॉर्म नहीं होती थी। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि पहले के दिनों में यूनिफॉर्म सिर्फ स्कूल में होती थी। कॉलेजों के लिए वर्दी बहुत बाद में आई। 

05:47 PM (IST) Feb 10

यह केवल धार्मिक आस्था का मामला नहीं : संजय हेगड़े

उडुपी की छात्राओं की तरफ से वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े दलील वकील संजय हेगड़े ने कहा- यह केवल धार्मिक आस्था का मामला नहीं है, बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा का सवाल भी जुड़ा हुआ है। यूनिफॉर्म के नियम का उल्लंघन करने पर दंड का कोई प्रावधान नहीं है। कर्नाटक शिक्षा अधिनियम में जो भी दंड की व्यवस्था की गई है, वह ज्यादातर प्रबंधन से जुड़े मामलों के लिए है।

05:20 PM (IST) Feb 10

कोर्ट का मीडिया को आदेश, मौखिक कार्यवाही की रिपोर्टिंग न करें

मामले की सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि हम देखेंगे कि हिजाब पहनना मौलिक अधिकार है या नहीं। इसके बाद कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिए कि वो अदालत की मौखिक कार्यवाही की रिपोर्टिंग न करे, बल्कि फाइनल ऑर्डर आने तक इंतजार करे। बता दें कि यह मामला बुधवार को हाईकोर्ट की बड़ी बेंच को रेफर कर दिया गया था।

05:03 PM (IST) Feb 10

सोमवार को होगी मामले की सुनवाई

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक अदालत इस मामले का फैसला नहीं करती तब तक किसी को भी धार्मिक परिधान (स्कूल-कॉलेज में ) पहनने पर रोक लगाई जा रही है। अगली सुनवाई सोमवार को होगी। 

 

05:00 PM (IST) Feb 10

कोर्ट ने कहा- सभी को धार्मिक पोशाक पहनने से रोकेंगे

 

छात्राओं के वकील देवदत्त कामत ने अदालत की बात पर आपत्ति जताई। कहा कि हमें खाना और पानी दोनों में से एक को चुनने को कहा जा रहा है। इस पर अदालत ने कहा कि हम सभी को (अंतरिम रूप से) इन सभी प्रथाओं को अपनाने से रोकेंगे।

04:58 PM (IST) Feb 10

कोर्ट ने कहा- धार्मिक चीजें पहनने की जिद नहीं करें

छात्राओं की तरफ से कामत ने कई मामलों का हवाला दिया। इन्हें सुनने के बाद बेंच ने कहा कि हम एक आदेश पारित करेंगे कि संस्थानों को खुलने होने दें, लेकिन जब तक मामला लंबित है, छात्र और अन्य हितधारक किसी भी धार्मिक परिधान या सिर की पोशाक पहनने पर जोर नहीं देंगे। हम सभी को रोकेंगे। कोर्ट ने कहा- हम अमन-चैन चाहते हैं। आप लोगों को इन सभी धार्मिक चीजों को पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए जो अनुकूल नहीं हैं। बेंच के इस फैसले पर कामत ने कहा-  हमें भोजन और पानी के बीच चयन करने के लिए कहा जा रहा है। हमें शिक्षा और विवेक के बीच चयन करने के लिए कहा जा रहा है।

04:34 PM (IST) Feb 10

कामत ने कहा- राज्य सरकार का आदेश पूरी तरह गलत

हेगड़े के बाद देवदत्त कामत ने अपनी दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश बिना दिमाग का इस्तेमाल किए हुए बनाया गया है। इसका संपूर्ण आधार हाईकोर्ट के वो तीन निर्णय हैं, जिनके हिसाब से हिजाब आर्टिकल 25 का हिस्सा नहीं है। मैं यह साबित करूंगा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी आदेश में किए गए तीनों निर्णय पूरी तरह से राज्य के खिलाफ हैं। बेंच ने कहा कि बेंच का कहना है कि राज्य की समझ ऐसी नहीं है। इस पर कामत ने कहा कि उनकी समझ पूरी तरह से गलत है। सरकारी आदेश के आधार पर कॉलेज यह निर्धारित कर रहे हैं कि हिजाब की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह टिक नहीं सकता। 

04:23 PM (IST) Feb 10

सरकारी अधिनियमों में सिर ढकने की अनुमति

हेगड़े ने विभिन्न केंद्रीय अधिनियमों का हवाला दिया और कहा कि इनमें विशिष्ट प्रावधान हैं जो सिर को ढकने की अनुमति देते हैं। मोटर वाहन अधिनियम तक सिर ढकने की अनुमति देता है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने परदानशीन महिला के लिए खास नियम बनाए हैं। उन्होंने इसके लिए आदेश 9 के नियम 8 का हवाला दिया। 

04:21 PM (IST) Feb 10

क्या सरकारी संस्थान में आने के लिए अपना भरोसा छोड़ना होगा

हेगड़े ने अम्नाह बिंट बनाम सीबीएसई मामले का जिक्र किया। हेगड़े ने कहा कि यह मामला सरकारी संस्थान का है। यह संस्थान कर्नाटक के प्रत्येक निवासी और भारत के प्रत्येक नागरिक का है। तो क्या इसमें आने के लिए लोगों को अपना भरोसा त्यागना होगा। 

04:00 PM (IST) Feb 10

संवैधानिक अधिकार राजनेताओं पर नहीं छोड़े जा सकते : हेगड़े

सुनवाई के दौरान छात्राओं के वकील ने जिग्या यादव बनाम सीबीएसई केस और मेनका गांधी के मामले में पुट्टस्वामी फैसले का जिक्र किया। हेगड़े ने पुट्टस्वामी के हवाले से कहा- कुछ समूहों की अपनी उपस्थिति और परिधान (जैसे लंबे बाल रखना और पगड़ी पहनना) निर्धारित करने की स्वतंत्रता को गोपनीयता के अधिकार के हिस्से के रूप में नहीं, बल्कि उनके धार्मिक विश्वास के हिस्से के रूप में संरक्षित किया जाता है।उन्होंने कहा कि संवैधानिक अधिकार राजनेताओं या सांसदों पर नहीं छोड़े जा सकते, चाहे वे सत्ता में हों या सत्ता से बाहर। अंतत: संविधान ही है जो सभी नागरिकों की रक्षा करता है।

03:54 PM (IST) Feb 10

कोर्ट ने कहा- यह संवैधानिक मुद्दा

हेगड़े ने कहा कि मेरी राय है कि अगर संवैधानिक मुद्दों पर फैसला किए बिना वैधानिक सवालों के आधार पर किसी मामले का फैसला किया जा सकता है, तो उसे तय किया जाना चाहिए इस पर बेंच का कहना है कि चरण खत्म हो गया है क्योंकि एकल-न्यायाधीश पहले ही कह चुके हैं कि मामले में संवैधानिक मुद्दे शामिल हैं और यह बड़ी बेंच के सामने आ चुका है।

03:49 PM (IST) Feb 10

हिजाब पहनने का अधिकार अभिव्यक्ति की आजादी का मामला : हेगड़े

हेगड़े ने कहा कि मैं एजी के साथ बैठने और अंतरिम व्यवस्था पर काम करने के लिए तैयार हूं। कामत भी सहमत हैं। अधिवक्ता कालीश्वरम राज भी अंतरिम व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। हिजाब पहनने का अधिकार अभिव्यक्ति, निजता और अंतःकरण की स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आता है। 

03:47 PM (IST) Feb 10

अंबेडकर को बचपन में स्कूल में अलग बिठाया, अब और अलगाव ठीक नहीं

हेगड़े ने तर्क दिया कि ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर को बचपन में ही स्कूल में अलग बिठाया गया था। गणतंत्र के इतने वर्षों के बाद मैं किसी तरह का अलगाव नहीं चाहता। हम एक ऐसा देश हैं जैसे कोई दूसरा नहीं। हम कई तरह के प्रभावों और तरह के लोगों का मिश्रण हैं। भारत में एक ही सिद्धांत है - कभी-कभी हमें कृपया समायोजित करना पड़ता है। हेगड़े बिजो इमैनुएल केस को कोट करते हुए कहते हैं - हमारी परंपरा सहिष्णुता सिखाती है; हमारा दर्शन सहिष्णुता का उपदेश देता है; हमारा संविधान सहिष्णुता का अभ्यास करता है; आइए हम इसे कम न करें।

03:43 PM (IST) Feb 10

मैं आग में घी डालने का काम नहीं कर सकता : छात्राओं के वकील

छात्राओं के वकील हेगड़े ने कहा कि सरकार आग से खेल रही है। मैं आग में घी नहीं डालना चाहता। यह एक ऐसा राज्य है जो किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह एक ऐसा राज्य है जो भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान देता है। 

03:40 PM (IST) Feb 10

यह शिक्षा के अधिकार का मामला : हेगड़े

हेगड़े ने कहा- मैं राज्य से अनुरोध कर रहा हूं कि ड्रेस, भोजन, आस्था के बावजूद वे सभी हमारी बच्चियां हैं। यह केवल आवश्यक धार्मिक प्रथा के बारे में नहीं है। यह आवश्यक शिक्षा अधिकारों का मामला है। इस न्यायालय के एक वकील के रूप में मेरा धार्मिक विश्वास है कि भारत का संविधान सर्वोच्च है। एक लेख यहां हो सकता है, दूसरा वहां। अनुच्छेद 14, 21 की कई व्याख्याएं हो सकती हैं। लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि यह सभी पर लागू होता है। 

03:38 PM (IST) Feb 10

जब तक फैसला न हो, बीच का रास्ता अपनाने में समझदारी : हेगड़े

हेगड़े ने कहा कि राज्य सरकार के लिए यह कहना आसान है कि वे (छात्राएं) कॉलेज वापस जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि जब तक अदालत मामले का फैसला नहीं कर लेती, तब तक बीच का रास्ता अपनाने में ही समझदारी है। 

03:36 PM (IST) Feb 10

कोर्ट ने पूछा - इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है या नहीं, इस पर फैसला होना चाहिए

कामत ने कहा कि सरकार का आदेश उतना हानिरहित नहीं है, जितना वे दावा करते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस्लाम के तहत हिजाब अनिवार्य प्रथा है या नहीं, इस सवाल पर फैसला किया जाना है। इस पर कामत ने कहा कि इसलिए अंतरिम राहत के मुद्दे पर सुविधा के संतुलन के आधार पर विचार करना होगा। 

03:34 PM (IST) Feb 10

राज्य सरकार आग से खेल रही, आदेश में कहा - स्कार्फ धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं

छात्राओं के वकील कामत ने कहा कि राज्य सरकार आग से खेल रही है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि स्कार्फ धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे मौलिक अधिकार स्कूल समितियों के अधीन हैं। कामत ने कहा कि एडवोकेट जनरल इतने चिंतित क्यों हैं? मैं अपनी बात रख रहा हूं। उन्हें बीच में नहीं बोलना चाहिए। यह कानून की अदालत है। एडवोकेट जनरल के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है लेकिन उन्हें बीच में नहीं आना चाहिए। 

03:28 PM (IST) Feb 10

छात्राओं के वकील ने कहा- यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहन सकती हैं छात्राएं

छात्राओं के वकील देवदत्त कामत ने कहा कि मैं एडवोकेट जनरल से पूरी तरह सहमत हूं कि कक्षाएं शुरू होनी चाहिए। लेकिन मामला यूनिफॉर्म का नहीं है। छात्र यूनिफॉर्म पहनेंगे। उनका एकमात्र रुख यह है कि वे यूनिफॉर्म के समान रंग का हेडस्कार्फ (हिजाब)पहनेंगे। इसलिए मेरा तर्क है कि उन्हें सिर पर दुपट्टा पहनने दें जैसा वे करते रहे हैं। इससे कोई नुकसान नहीं है। ऐसा करने से किसी को नुकसान नहीं पहुंचने वाला है। 

03:27 PM (IST) Feb 10

हिजाब के बाद भगवा पहनकर आए छात्र, इसलिए जारी किया आदेश : सरकार

सरकार के वकील का ने कोर्ट में कहा कि हिजाब का मामला सामने आने के बाद कुछ छात्र भगवा वस्त्र पहनकर कॉलेज आए। इसके बाद सरकार को इस संंबंध में आदेश जारी करना पड़ा। इसी वजह से तीन दिनों के लिए कॉलेज बंद करने पड़े। 

03:22 PM (IST) Feb 10

राज्य सरकार ने कहा- सुनवाई होने तक छात्र यूनिफॉर्म पहनकर आएं

कामत की इस अपील पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि हमारा स्टैंड यह है कि छात्रों को अभी तक संबंधित कॉलेज द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए। हम चाहते हैं कि सभी छात्र कॉलेज आएं और कक्षाएं शुरू होनी चाहिए। इसलिए मेरा निवेदन है कि मुद्दों पर अदालत द्वारा विचार किया जाएगा लेकिन इस बीच शिक्षा शुरू होनी चाहिए। 

03:19 PM (IST) Feb 10

अंतरिम आदेश देने के साथ सुनवाइ की अपील

दूसरे वकील देवदत्त कामत ने कहा कि राज्य एक सरकारी आदेश के आधार पर अपना बचाव कर रहा है। उन्होंने दलील दी कि संजय हेगड़े द्वारा याचिका दाखिल करने के बाद यह आदेश जारी हुआ है। कामत ने आग्रह किया कि छात्र कक्षाओं से बाहर हैं। इसलिए अंतरिम व्यवस्था देने के साथ ही इस मामले की सुनवाई करें। 

03:16 PM (IST) Feb 10

बच्चों को शिक्षा से दूर रखना क्या सही कदम है

हेगड़े ने कहा कि सरकार के नियमों में भी यूनिफॉर्म का उल्लंघन होने पर किसी तरह के जुर्माने का प्रावधान नहीं है। तो क्या बच्चों को शिक्षा से दूर रखना सही कदम है। उन्होंने कहा कि धारा 17 के उल्लंघन के लिए दंड काफी हद तक वित्तीय है। परीक्षा के दौरान रैगिंग, नकल करने आदि के लिए दंड का प्रावधान है। लेकिन यूनिफॉर्म का प्रावधान न होने के कारण समान संहिता के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान नहीं है। 

03:14 PM (IST) Feb 10

वकील ने कहा- यूनिफॉर्म नियम कॉलेजों नहीं, स्कूलों के लिए हैं

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों के लिए नियमों के दो सेट हैं। नियम 1995 और नियम 11... इसमें यूनिफॉर्म, किताबों और कपड़ों को लेकर प्रावधान हैं।  उन्होंने सरकार के नियम 3 का की धारा 2  के खंड (25) और (32) का हवाला देते हुए कहा कि यूनिफॉर्म स्कूलों में लागू हैं और यह पहली से चौथी और पांवची से  8वीं तक के लिए लागू हैं। यह नियम प्री यूनिवर्सिटी के लिए भी नहीं हैं। 

03:09 PM (IST) Feb 10

कॉलेजों में फैशन रोकने के लिए लागू की थी यूनिफॉर्म

उड़पी की छात्राओं के वकील संज हेगड़े ने कोर्ट में कहा कि पहले स्कूलों में यूनिफॉर्म चलती थी। कॉलेज के लिए यह बाद में आई। यह सब तमिलनाडु प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुरू हुआ। कॉलेजों में यूनिफॉर्म लागू करने की भावना ये थी कि फैशन रोकेंगे।

03:08 PM (IST) Feb 10

मौखिक टिप्पणियों की रिपोर्ट नहीं करे मीडिया, आदेश का इंतजार करे : चीफ जस्टिस

कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी ने सुनवाई के दौरान मीडिया से अपील की है कि वे आदेश आने पर ही रिपोर्ट करें। सुनवाई में मौखिक टिप्पणियों के आधार पर रिपोर्ट नहीं करें।

03:06 PM (IST) Feb 10

वैधानिक सिद्धांतों पर निपटा सकते हैं मामला

चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें पहले समझना होगा कि सवाल क्या है, इसी आधार पर कुछ निर्णय हो सकेगा। इस पर छात्राओं के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि यह आवश्यक धार्मिक प्रथाओं का प्रश्न है। लेकिन एक सिद्धांत यह भी है कि यदि कोई मामला संवैधानिक आधारों के अलावा अन्य वैधानिक सिद्धांतों पर तय किया जा सकता है, तो उसे वैधानिक सिद्धांतों के आधार पर निपटाया जा सकता है।

02:57 PM (IST) Feb 10

चीफ जस्टिस ने पूछा - क्या सिर पर स्कार्फ बांधने का आदेश चाहते हैं

इस मामले में उडुपी की छात्राओं की तरफ से वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और कुंडापुरा के छात्रों की तरफ से देवदत्त कामत पैरवी कर रहे हैं। चीफ जस्टिस ने इनसे पूछा कि आप क्या चाहते हैं। क्या बिना पक्षपात या भेदभाव के सिर पर स्कार्फ बांधकर कक्षाओं में उपस्थित होने का आदेश चाह रहे हैं।

02:51 PM (IST) Feb 10

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने मांगे मामले से जुड़े तथ्य

कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब मामले की सुनवाई जारी है। कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि इन याचिकाओं में कौन से सवाल हैं। उन्होंने सबसे पहले मामले के संक्षिप्त तथ्य मांगे। इस पर उन्हें पूरा मामला बताया गया। 

02:47 PM (IST) Feb 10

उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा- स्कूलों में अनिवार्य हो यूनिफॉर्म

कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद को लेकर महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि स्कूलों में स्कूल यूनिफॉर्म के अलावा किसी अन्य ड्रेस के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा- जिन स्कूलों में यूनिफॉर्म चलती है, उसके अलावा किसी और परिधान के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। शिक्षण संस्थानों में धार्मिक और राजनीतिक चीजों के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। 

 

02:14 PM (IST) Feb 10

बेंगलुरू के स्कूल - कॉलेजों के बाहर धारा 144 लागू

हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच बेंगलुरू में बुधवार शाम से धारा 144 लगा दी गई थी। पुलिस ने साफ चेतावनी दी थी कि स्कूलों के बाहर किसी तरह की भीड़ जुटने पर कार्रवाई की जाएगी। महाविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों को लेकर भी आदेश था कि 200 मीटर के दायरे में किसी तरह का जमावड़ा नहीं हो। 

02:12 PM (IST) Feb 10

कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद होगा स्कूल-कॉलेजों पर फैसला

हिजाब विवाद को लेकर कुछ देर बाद कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इस मामले को लेकर कर्नाटक सरकार के साथ ही सभी पक्षों काे इंतजार है। मामला तूल पकड़ने के बाद से यहां के स्कूल-कॉलेज तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए थे। आज की सुनवाई के फैसले के आधार पर स्कूल - कॉलेजों पर फैसला होगा।

12:55 PM (IST) Feb 10

गडकरी बोले - गुणों से महान होता है इंसान

हिजाब विवाद पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमें सभी धर्मों, सभी भाषाओं, अलग-अलग वर्गों और पंथ के सभी लोगों का सम्मान करना चाहिए। हमें उनके बीच समानता स्थापित करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं हमेशा लोगों से कहता हूं कि कोई भी व्यक्ति अपना जाति या लिंग के कारण बड़ा नहीं होता है। वह अपने गुणों के कारण महान है, हमें समाज में अच्छे गुणों का समर्थन करना चाहिए, हम एक ही परिवार के अभिन्न अंग हैं। 

12:14 PM (IST) Feb 10

RSS की मुस्लिम विंग अल्लाहु अकबर नारे वाली छात्रा के समर्थन में

अयोध्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मुस्लिम शाखा 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' कर्नाटक की छात्रा बीबी मुस्कान खान के समर्थन में सामने आया है। मुस्कान ने कर्नाटक में हिजाब विरोध के दौरान प्रमुखता से अपनी बात रखी थी और हिजाब या 'पर्दा' भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है।

11:50 AM (IST) Feb 10

कर्नाटक में बढ़ाई जा सकती है स्कूलों को बंद रखने की अवधि

कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने कहा कि आज मैं प्राथमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश और अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा। इसमें गृह मंत्री भी शामिल होंगे। इस बैठक में हम देखेंगे कि अब तक हिजाब मामले में जो भी हुआ, उस पर क्या किया जा सकता है। इस बैठक में स्कूलों को बंद रखने की अवधि बढ़ाई जा सकती है।