भगवान राम शराबी थे, माता सीता को वन भेज दिया और परवाह नहीं किया...प्रोफेसर की विवादित टिप्पणी से मचा बवाल

Published : Jan 22, 2023, 04:19 PM ISTUpdated : Jan 22, 2023, 04:32 PM IST
lord ram statue

सार

बिहार में रामचरित मानस को लेकर काफी विवाद हो रहा है। बिहार की सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है।

Lord Rama controversy: बिहार में रामचरित मानस पर विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कर्नाटक में एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने भगवान श्रीराम को शराबी कहकर बवाल खड़ा कर दिया है। रिटायर्ड प्रोफेसर लेखक केएस भगवान ने कहा कि राम एक शराबी थे। उन्होंने अपनी पत्नी सीता को वन भेज दिया और उनकी परवाह नहीं की थी। केएस भगवान ने कहा कि वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड से पता चलता है कि राम एक आदर्श राजा नहीं थे और उन्होंने केवल 11 वर्षों तक शासन किया।

प्रभु श्रीराम के बारे में क्या कहा प्रोफेसर ने?

कर्नाटक के पूर्व प्रोफेसर ने भगवान राम के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है। प्रो.केएस भगवान ने कहा, "राम राज्य के निर्माण के बारे में बात हो रही है ... यदि कोई वाल्मीकि की रामायण के उत्तर कांड को पढ़ता है, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि (भगवान) राम आदर्श नहीं थे। उन्होंने 11,000 वर्षों तक शासन नहीं किया बल्कि केवल 11 वर्षों तक शासन किया। भगवान राम दोपहर में सीता के साथ बैठते थे और शेष दिन पीते थे ... उन्होंने अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया और उनकी परवाह नहीं की ... उन्होंने शंबूक का सिर काट दिया। शंबूक एक शूद्र था जो एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहा था। वह आदर्श कैसे हो सकता है?"

बिहार में रामचरित मानस पर मचा है बवाल

इस महीने की शुरुआत में बिहार में रामचरित मानस को लेकर काफी विवाद हो रहा है। दरअसल, बिहार की सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है। राष्ट्रीय जनता दल (रालोद) के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा था कि रामनया में हीरे-मोती के साथ-साथ कूड़ा कर्कट (कचरा) भी बहुत है। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हाल ही में कहा था कि रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाती है। नेताओं के इस बयान के बाद बीजेपी ने विरोधी दल पर आक्रमण तेज कर दिया।

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