
Kedarnath Helicopter Crash 2025: उत्तराखंड में रविवार को एक बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा हो गया। केदारनाथ धाम से लौटते समय एक हेलीकॉप्टर त्रिजुगीनारायण और गौरीकुंड के बीच क्रैश हो गया। इस हादसा में हेलीकॉप्टर में पायलट समेत कुल 7 लोगों की मौत हो गई। हेलीकॉप्टर में पांच वयस्क यात्री, एक शिशु और एक क्रू मेंबर सवार थे। हादसा के बाद आर्यन एविएशन के सर्विस को सस्पेंड कर दिया गया है। दो पायलट्स के लाइसेंस भी कैंसिल कर दिए गए हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने सुबह 05:10 बजे गुप्तकाशी से उड़ान भरी और 05:18 बजे केदारनाथ हेलीपैड पर उतरा। वहां से 05:19 पर वापसी के लिए रवाना हुआ और 05:30 से 05:45 के बीच गौरीकुंड के पास क्रैश कर गया।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसे का संभावित कारण Controlled Flight Into Terrain (CFIT) हो सकता है, यानी दृश्यता बेहद कम होने के बावजूद हेलीकॉप्टर उड़ान में था। घाटी के प्रवेश क्षेत्र में घना कोहरा और बादल छाए होने के बावजूद उड़ान जारी रखना दुर्घटना की वजह बन सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुबह 11 बजे उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जिसमें नागरिक उड्डयन सचिव, DGCA और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तत्काल प्रभाव से आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा सेवाएं निलंबित करने का निर्णय लिया गया। हादसे की विस्तृत जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) करेगा। घटनास्थल पर NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
जांच में पाया गया कि TransBharat Aviation के दो हेलीकॉप्टर (VT-TBC और VT-TBF) भी उसी समय खराब मौसम में उड़ान भर रहे थे। दोनों के पायलटों कैप्टन योगेश ग्रेवाल और कैप्टन जितेन्द्र हर्जाई के लाइसेंस 6 महीने के लिए निलंबित कर दिए गए हैं।
15 और 16 जून को चारधाम क्षेत्र में सभी शटल और चार्टर हेलीकॉप्टर फ्लाइट सर्विस रोक दी गई हैं ताकि सुरक्षा का समुचित मूल्यांकन किया जा सके।
उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) को सभी ऑपरेटरों और पायलटों के साथ मीटिंग कर नए सुरक्षा मानकों को लागू करने का निर्देश मिला है। इसके साथ ही UCADA को एक समर्पित कमांड-एंड-कंट्रोल रूम स्थापित करने का आदेश दिया गया है, जो रीयल-टाइम निगरानी करेगा।
DGCA को निर्देश दिया गया है कि वह क्षेत्र में एयरवर्दीनेस, सेफ्टी और ऑपरेशंस से जुड़े अधिकारियों की तैनाती करे और UCADA के नियंत्रण कक्ष की नियमित समीक्षा करे। मंत्रालय ने साफ किया है कि एविएशन सेफ्टी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।