आंदोलन के दौरान आवाजाही के लिए पुलिस को केजरीवाल सरकार ने दी थीं 576 बसें, अब सभी बसें वापस मांग लीं

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं डीटीसी बसों को डिपो में तुरंत लौटाने का निर्देश दिया गया। ये सभी बसें किसान आंदोलन में आवाजाही के लिए अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 4, 2021 2:00 AM IST

नई दिल्ली. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं डीटीसी बसों को डिपो में तुरंत लौटाने का निर्देश दिया गया। ये सभी बसें किसान आंदोलन में आवाजाही के लिए अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही है।

परिवहन विभाग ने कहा, आंदोलन की शुरुआत से ही डीटीसी बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है। विभाग ने डीटीसी को निर्देश दिए हैं कि बिना सरकार की अनुमति के दिल्ली पुलिस को बसें नहीं दें। अब 576 बसें लौटाने के लिए कहा है।

ट्रैक्टर मार्च के दौरान भी हुआ था बसों का इस्तेमाल
किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान भी बसों को बैरिकेड्स के रूप में इस्तेमाल किया गया था। गृह मंत्रालय ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों पर पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया। मंत्रालय ने कहा, पुलिस कर्मियों के पास कार्रवाई के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचे थे। संसद में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा, पुलिस के पास कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। 

सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी किया है
किसान आंदोलन को लेकर फर्जी और भड़काने वाले ट्वीट्स को लेकर केंद्र सरकार सख्त है। सरकार ने इस मामले ममें ट्विटर को नोटिस जारी किया है। इसमें सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर ट्विटर ने सरकार की बात नहीं मानी, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई की जाएगी। 

सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को ऐसे वक्त पर ये नोटिस भेजा, जब सोमवार को ऐसे 250 ट्विटर अकाउंट्स को बहाल कर दिया गया। इन्हें मंत्रालय की शिकायत पर ब्लॉक किया गया था। 

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