केरल हाईकोर्ट ने दी राहतः जंगली सुअरों को मार सकेंगे किसान, कहा-राज्य मशीनरी पूरी तरह फेल

केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट को यह अंतरिम आदेश इसलिए देना पड़ा क्योंकि राज्य की पूरी मशीनरी जंगली जानवरों से किसानों के फसल की बर्बादी रोकने में बिल्कुल फेल साबित हुई है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 23, 2021 9:20 AM IST

वायनाड। फसल बर्बाद करने वाले जंगली सुअरों से किसान को राहत पहुंचाने के लिए केरल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने फसल बर्बाद करने वाले जंगली सुअरों को मारने की अनुमति दे दी है। 

हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश पारित किया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन किसानों को जंगली सुअरों को मारने का आदेश दे सकते हैं। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 11/1/बी के तहत फसल को बर्बाद करने वाले जंगली सुअरों को मारा जा सकेगा। 

राज्य प्रशासन फेल हुआ तो अदालत को आदेश देना पड़ा

केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट को यह अंतरिम आदेश इसलिए देना पड़ा क्योंकि राज्य की पूरी मशीनरी जंगली जानवरों से किसानों के फसल की बर्बादी रोकने में बिल्कुल फेल साबित हुई है। 

कोर्ट ने कहा कि राज्य मशीनरी किसानों की बर्बादी रोकने में असफल साबित हुई है इसलिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन को यह आदेश दिया जाता है कि वह खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सुअरों को मारने की अनुमति किसानों को दें। एक महीने के भीतर इस आदेश का अनुपालन कराकर रिपोर्ट करें। 

कोर्ट ने यह आदेश किसानों की ओर से दायर याचिका पर दी है। किसानों की ओर से एडवोकेट एलेक्स एम.स्कारिया और अमाल दर्शन पेश हुए थे। 
 

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