खेलो इंडिया विंटर गेम्स में बोले मोदी-गुलमर्ग में भले सर्दी हो, लेकिन जोश हर भारतीय महसूस कर रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कश्मीर घाटी के गुलमर्ग में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का आगाज किया। इस मौके पर उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि गुलमर्ग में भले सर्दी हो, लेकिन आपका जोश हर भारतीय महसूस कर रहा है।
Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2021 6:49 AM IST / Updated: Feb 26 2021, 03:20 PM IST
गुलमर्ग, जम्मू-कश्मीर. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर घाटी के गुलमर्ग में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने घाटी में शांति का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर अब शांति की बुलंदियों की ओर बढ़ रहा है। मोदी ने खिलाड़ियों से कहा कि गुलमर्ग में भले सर्दी हो, लेकिन आपका जोश हर भारतीय महसूस कर रहा है। मोदी ने कहा है कि गुलमर्ग में हो रहे ये खेल दिखाते हैं कि जम्मू-कश्मीर शांति और विकास की नई बुलंदियां छूने के लिए कितना तत्पर है। इससे जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को भी नई ऊर्जा और उत्साह मिलने वाला है। बात दें कि विंटर गेम्स 26 फरवरी से 2 मार्च तक चलेंगे। इसमें 27 राज्यों के करीब 1200 खिलाड़ी शामिल होंगे। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू इस समय यही मौजूद हैं।
मोदी ने कहा
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आज से खेलो इंडिया विंटर गेम्स का दूसरा संस्करण शुरू हो रहा है। ये विंटर गेम्स में भारत की प्रभावी उपस्थिति के साथ ही जम्मू-कश्मीर को इसका एक बड़ा हब बनाने की तरफ बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि अब सरकार स्पोर्टस क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है, टैलेंट को खंगाला जा रहा है और साथ ही पूर्व खिलाड़ियों को भी सम्मान देने की कोशिश है। शिक्षा नीति में भी खेलों को महत्व दिया गया है। जो खिलाड़ी मैदान में कमाल करता है, वो दुनिया में भारत का नाम रोशन करता है।
इन शीतकालीन खेलों के अनुभव से खिलाड़ियों को शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने में मदद मिलेगी। जम्मू और कश्मीर में शीतकालीन खेल एक नए खेल पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने में मदद करेंगे।
यह आयोजन जम्मू और कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र में नये उत्साह का संचार करेगा। खेल के क्षेत्र में दुनियाभर के देश अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।
खेल वैश्विक आयाम रखते हैं और यह दृष्टिकोण खेल पारिस्थितिकी तंत्र में किये गए हाल के सुधारों का मार्गदर्शन करता है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है। खेल, जिन्हें पहले पाठ्येतर गतिविधि माना जाता था, अब इन्हें पाठ्यक्रम के अंग के रूप में शामिल किया जा रहा है और खेलों में प्राप्त होने वाले अंकों को बच्चों की शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है।
खेलों के लिए उच्च शिक्षा संस्थान और खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। उन्होंने खेल विज्ञान और खेल प्रबंधन को स्कूली स्तर तक ले जाने पर जोर दिया, क्योंकि इससे युवाओं के करियर की संभावनाओं में सुधार होगा और खेल अर्थव्यवस्था में भारत की उपस्थिति बढ़ेगी।
मोदी ने युवा खिलाड़ियों को यह याद रखने को कहा कि वे आत्मनिर्भर भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि विश्व, भारत का खेल क्षेत्र में उसके प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन करता है।