बजट छपाई में तैनात है बेटा, पिता के निधन पर नहीं छोड़ी ड्यूटी, अंतिम संस्कार में जाने से किया मना

ड्यूटी फर्स्ट...यह लाइन अक्सर सुनने को मिलती है, लेकिन बजट की छपाई के दौरान वित्त मंत्रालय के डिप्टी मैनेजर (मीडिया) कुलदीप कुमार शर्मा ने इसे कर के दिखा दिया। वह 22 जनवरी से बजट छपाई के काम में लगे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2020 10:07 AM IST / Updated: Jan 31 2020, 03:56 PM IST

नई दिल्ली. ड्यूटी फर्स्ट...यह लाइन अक्सर सुनने को मिलती है, लेकिन बजट की छपाई के दौरान वित्त मंत्रालय के डिप्टी मैनेजर (मीडिया) कुलदीप कुमार शर्मा ने इसे कर के दिखा दिया। वह 22 जनवरी से बजट छपाई के काम में लगे हैं। इस दौरान 26 जनवरी को उनके पिता का निधन हो गया, लेकिन कुलदीप ने अपने काम को प्राथमिकता दी। वे अभी भी नॉर्थ ब्लॉक के अंदर बजट की छपाई में लगे हैं। 

अंतिम संस्कार में नहीं गया बेटा
हलवा सेरेमनी के बाद बजट छपाई से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी 10 दिनों तक मंत्रालय में ही रहते हैं। लेकिन ऐसी विशेष परिस्थिति में बाहर जाने की इजाजत होती है। लेकिन बजट की गोपनीयता की गंभीरता समझते हुए कुलदीप शर्मा ने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जाने का फैसला किया।    

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर तारीफ की
कुलदीप कुमार शर्मा की तारीफ वित्त मंत्रालय ने खुद ट्वीट करके किया। उन्होंने लिखा, दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि श्री कुलदीप कुमार शर्मा, डिप्टी मैनेजर (मीडिया) के पिता का निधन 26 जनवरी 2020 को हो गया है। शर्मा बजट ड्यूटी पर हैं और दस दिनों के लिए नॉर्थ ब्लॉक के अंदर लॉक हैं। इतने बड़े नुकसान के बाद भी शर्मा ने तय किया है कि वो एक मिनट के लिए भी अपनी जिम्मेदारी नहीं छोड़ेंगे।

10 दिन के बाद मंत्रालय में ही रहते हैं कर्मचारी
बजट की छपाई की शुरुआप हलवा सेरेमनी से होती है। 22 जनवरी को हलवा सेरेमनी की शुरुआत हुई। इसके बाद की 10 दिनों का काम होता है, इस दौरान छपाई से जुड़े अधिकारी- कर्मचारी मंत्रालय के अंदर ही रहते हैं। उन्हें घर जाने की भी परमीशन नहीं होती है। यह अधिकारी संसद में बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं और बाहरी दुनिया यहां तक कि परिजनों से भी इनका संपर्क नहीं होता है। उन्हें फोन या ईमेल के जरिए भी किसी से संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है।

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